मुख्यमंत्री के अल्मोड़ा आने से पहले हरकत में अधिकारी
द्वाराहाट (अल्मोड़ा) के ईड़ा गांव में पेयजल के लिए ग्रामीण 22 दिन से अनशन पर डटे रहे मगर अधिकारियों ने नहीं सुनी। मगर 28 को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के आने से पहले अधिकारी गांव पहुंच गए और बोरिंग शुरू कर दी है।
संस, द्वाराहाट (अल्मोड़ा) : सरकारी कामकाज भी अजब-गजब है। पानी जैसी बुनियादी सुविधा के लिए 22 दिनों से गिड़गिड़ा रहे ग्रामीणों की सुध नहीं ली गई। बीते रोज भूख हड़ताल पर बैठे अनशनकारियों ने बुधवार को अल्मोड़ा पहुंच रहे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के समक्ष जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत ईड़ा में बीते तीन माह से जलापूर्ति ठप होने का मुद्दा उठाने का एलान क्या किया जल संस्थान व निगम अधिकारी हरकत में आ गए। आनन-फानन में गगास नदी क्षेत्र में नलकूप के लिए बोरिंग मशीन लगाकर काम शुरू कर दिया गया है।
बीते तीन माह से पेयजल संकट से जूझ रहे ईड़ा गांव में ग्रामीण मंगलवार को 22वें दिन भी भूख हड़ताल पर डटे रहे। बुजुर्ग केसर सिंह व दिगंबर सिंह के स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आ रही। आंदोलनकारियों का आरोप है कि प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग उनकी भी सुध नहीं ले रहा। वहीं बुधवार को सीएम के सामने यह मुद्दा उठाने की बात पर संबंधित विभाग चुस्त हो गया। गगास नदी क्षेत्र में पंपिंग पेयजल योजना के लिए मशीन से बोरिंग शुरू करा दी गई। आंदोलनकारी भी वास्तविकता जानने मौके पर पहुंचे।
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पूर्व विधायक पुष्पेश भी पहुंचे
देहरादून से लौटे पूर्व विधायक उक्रांद पुष्पेश त्रिपाठी गांव पहुंचे। कहा कि सीएम को ईड़ा गांव की समस्या बताने पर निदान का भरोसा दिलाया है। ग्राम प्रधान संगठन अध्यक्ष नरेंद्र अधिकारी, जन हकदारी मंच संयोजक मोहन काडपाल, राज्य आदोलनकारी कैलाश फुलारा, जालली व्यापार मंडल अध्यक्ष कुंदन बिष्ट आदि भी समर्थन को पहुंचे। अनशन पर माधवी देवी, परूली देवी, आनंदी देवी, दुर्गा देवी, मोतिमा देवी, नंदी देवी, विमला देवी, भगवती देवी, दीपा देवी, हेमा देवी, सरस्वती देवी, शाति देवी व उमा देवी, हेमंत बिष्ट, विपिन आर्या, मोहन बिष्ट, कमल बिष्ट, धरम सिंह आदि बैठे।