अधिकारियों और कर्मचारियों ने किया आरपार के संघर्ष का ऐलान
पदोन्नति समेत 18 लंबित मुद्दों पर मुखर अधिकारी-कर्मचारी समन्वय समिति ने अब आरपार के संघर्ष का ऐलान कर डाला है।
संस, अल्मोड़ा : पदोन्नति समेत 18 लंबित मुद्दों पर मुखर अधिकारी-कर्मचारी समन्वय समिति ने अब आरपार के संघर्ष का ऐलान किया है। उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वयक समिति के बैनर तले जिलेभर के लोकसेवकों ने राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर धरना दिया। उन्होंने सत्तापक्ष पर सौतेला व्यवहार अपनाने का आरोप लगाते हुए 27 सितंबर को रैली व पाच अक्टूबर को देहरादून में हुंकार रैली का एलान भी किया।
समिति के बैनर तले सोमवार को लोकसेवक जिला मुख्यालय में जुटे। सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। वक्ताओं ने 10,16 तथा 26 वर्षो में प्रोन्नत करने अथवा प्रोन्नत वेतनमान दिए जाने, गोल्डन कार्ड की विसंगतियों को दूर करने, राज्य कार्मिकों को भी केंद्र की तर्ज पर 11 फीसद महंगाई भत्ता दिए जाने, पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की माग पूरी न होने पर गुस्से का इजहार किया। कहा कि मिनिस्ट्रियल संवर्ग में कनिष्ठ सहायक पद की शैक्षिक योग्यता स्नातक करने के साथ ही एक वर्षीय कंप्यूटर कोर्स की मांग लगातार उठाई जा रही मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही।
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ये मुद्दे भी उठाए
वैयक्तिक सहायक संवर्ग में पदोन्नति, चतुर्थ श्रेणी के लिए स्टाफिंग पैटर्न लागू करने, कनिष्ठ अभियंताओं व संगणकों का सेवा प्रविधान एक समान करने, स्थानातरण अधिनियम 2017 की विसंगतियों को दूर करने, तदर्थ कर्मियों का विनियमितीकरण।
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प्रदर्शन में ये रहे मौजूद
केएस कांडपाल, पुष्कर सिंह भैसोड़ा, जितेंद्र सिंह बोरा, मुकेश मुस्यूनी, हरीश सिंह नेग्री, मनीष आर्या, पूरन भोज, केशर बिष्ट, वंदना कड़ाकोटी, मोहित नेगी, जानकी कांडपाल, कमला जोशी, मोहिनी भट्ट, मुकेश जोशी, अवनीश पडियार, भुवन सिंह, दीप चंद्र जोश्ी, जगमोहन कांडपाल, ललित तिवारी आदि।