अब कारगिल जैसी कार्रवाई के लिए भारत माहिर
संवाद सहयोगी, रानीखेत : कारगिल युद्ध के बाद से अब तक बहुत कुछ बदल चुका है। टेक्निक हो
संवाद सहयोगी, रानीखेत : कारगिल युद्ध के बाद से अब तक बहुत कुछ बदल चुका है। टेक्निक हो या टेक्टिस, भारतीय फौज हर चुनौती व परिस्थितियों से पार पाने व उस तरह की कार्रवाई करने के लिए बहुत माहिर हो गई है। भविष्य में ऐसा फिर कुछ मौका मिला तो हम कहीं बेहतर युक्ति व चुस्ती से ऑपरेशन को अंजाम देंगे।
यह बात भारतीय सेना के ब्रिगेड कमांडर मेजर जनरल (सेना मेडल) कवींद्र सिंह ने चौबटिया सैन्य छावनी क्षेत्र में भारत व अमेरिका के संयुक्त युद्धाभ्यास के दौरान 'ऑपरेशन माउंटेन अटैक' के बाद कही। उन्होंने कहा, दोनों देशों की सेनाएं एक नई उपलब्धि की ओर अग्रसर हो रही है। वर्ष 2004 में में प्लाटून से शुरू युद्धाभ्यास डिवीजन स्तर तक पहुंच गया है। अत्याधुनिक हथियारों के संचालन व तकनीक से रूबरू होने के साथ ही हथियारों का इस्तेमाल एक दूसरे के हथियारों का इस्तेमाल भी कर रहे हैं।
भारतीय फौज की उन्नति पर आत्मविश्वास से भरे मेजर जनरल (सेना मेडल) कविंद्र सिंह ने कहा, कारगिल की जंग से लेकर अब तक हम वैसी ही कार्रवाई करने के लिए माहिर हो चुके हैं। उन्होंने ऑपरेशन माउंटेन अटैक के प्रदर्शन का उदाहरण देते हुए कहा कि दो किमी की पहाड़ी को हमारे जांबाजों ने महज 15 से बीस मिनट में पार कर बेहद चुस्ती के साथ सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया। इससे समझा जा सकता है कि हमारी टेक्निक व टेक्टिस काफी उन्नत हो गई है।
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हर ऑपरेशन को पहुंचाएंगे अंजाम तक
मेजर जनरल (सेना मेडल) कवींद्र सिंह ने कहा, आतंकवाद के खात्मे को अमेरिका जुटा है तो भारत भी लगा है। ऐसे में युद्धाभ्यास का बड़ा उद्देश्य यह भी है कि कैसे हम मिल कर कार्रवाई करें। खासतौर पर टेक्टिकल रूप में बगैर नुकसान पहुंचे लक्ष्य तक पहुंचना, यही मकसद है। उन्होंने कहा कि हम भविष्य में संयुक्त राष्ट्र की फौज बन कर किसी खास ऑपरेशन में जाएंगे तो निश्चित तौर पर बेहतर ढंग से अंजाम दे सकेंगे।
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भारतीय सैनिकों की फिटनेस बेमिसाल : कमांडर विलियम
अमेरिकी सैन्य कमांडर एमजी विलियम ग्राहम ने कहा कि भारत व अमेरिका के सैनिक अपने लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। माना कि टेक्निक व टेक्टिस के साथ फिटनेस के मामले में भारतीय फौज का कोई जवाब नहीं। जमीनी जंग खासतौर पर दुरुह पहाड़ पर दुश्मन के खात्मे को की जाने वाली कार्रवाई के मामले में अमेरिकी सेना को बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है।