अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्राधिकरण की मुखालफत
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : जिला मुख्यालय के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी जिला विकास प्राधिकरण
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : जिला मुख्यालय के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी जिला विकास प्राधिकरण की मुखालफत होने लगी है। ताकुला विकास खंड के वन सरपंच संगठन ने कहा है कि सरकार पर्वतीय क्षेत्रों के अस्तित्व को खत्म करने की साजिश कर रही है।
ताकुला विकास खंड के बसौली में आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सरकार का यह निर्णय 73 और 74 वें संविधान संशोधन की मूल अवधारणा के खिलाफ है और यह लोकतंत्र को लगातार कमजोर कर रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता ईश्वर जोशी ने कहा कि आज लोगों के वन अधिकार समाप्त कर दिए गए हैं। इमारती लकड़ी, पत्थर, पटाल जैसी निर्माण सामग्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जिस कारण भवन निर्माण काफी जटिल हो गया है। उन्होंने कहा कि जटिल वन कानूनों व जंगली जानवरों के आतंक से बचने के लिए लोग सड़कों के किनारे बसने को मजबूर हैं। लेकिन प्राधिकरण के नियमों के कारण लोगों को और अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बैठक में डूंगर सिंह, सुनील बाराकोटी, चंदन सिंह, जगदीश सुयाल, चंद्रमणी भट्ट, पूरन तिवारी, प्रताप सत्याल, डीके काडपाल, लक्ष्मण ऐठानी, रघुवर जोशी, बिशन बाराकोटी, मुकेश जोशी समेत अनेक लोग मौजूद रहे।