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दूसरे दिन भी नहीं हिले वाहनों के चक्के

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : टैक्सी यूनियन के बैनर तले चल रही हड़ताल के चलते दूसरे दिन भी टैक्सी वाहनों के

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jun 2018 03:21 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jun 2018 03:21 PM (IST)
दूसरे दिन भी नहीं हिले वाहनों के चक्के
दूसरे दिन भी नहीं हिले वाहनों के चक्के

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : टैक्सी यूनियन के बैनर तले चल रही हड़ताल के चलते दूसरे दिन भी टैक्सी वाहनों के चक्के जाम रहे। टैक्सी संचालन न होने के कारण जहां यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं यात्रियों में प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था न होने के कारण गुस्सा भी दिखाई दिया।

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स्पीड गवर्नर लगाने की बाध्यता को खत्म करने की मांग को लेकर टैक्सी यूनियन वाहन स्वामी और चालक हड़ताल पर हैं। हड़ताल के कारण शुक्रवार को भी जिले के साढ़े तीन हजार से अधिक वाहन अपने अपने स्थानों पर खड़े रहे। टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष शैलेंद्र तिलारा ने कहा है कि यूनियन नहीं चाहती कि यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़े, लेकिन शासन उनकी मांग पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक शासन इस बाध्यता को खत्म करने का लिखित आश्वासन नहीं दे देता तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगी। केमू और रोडवेज ने नहीं बढ़ाई बस

अल्मोड़ा : टैक्सी यूनियन की हड़ताल के कारण केमू और रोडवेज की बसों में यात्रियों की भीड़ है। लेकिन इसके बाद भी स्थानीय स्तर पर न तो रोडवेज ने बसें बढ़ाई हैं और ना ही केमू ने। रोडवेज की कुल 48 बसों में से अधिकांश बड़े नगरों को संचालित होती है। जबकि केमू भी लगभग 50 बसों के बेड़े से यात्रियों को आवागमन की सुविधा प्रदान करता है।

क्या कहते हैं यात्री

फोटो= 15 एएलएमपी 6 = जितेंद्र कुमार

मेरा घर कुंवाली में है। मुझे रानीखेत जाना था। सुबह नौ बजे से स्टेशन पर बैठा हूं। लेकिन चार घंटे बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई बस नहीं आई है। जिस कारण मुझे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

जितेंद्र कुमार, निवासी कुंवाली, अल्मोड़ा फोटो= 15 एएलएमपी 7 = गौरव

मुझे किसी जरूरी काम से कफड़खान तक जाना है। लेकिन घंटों से इस रूट पर जाने के लिए कोई वाहन स्टेशन पर मौजूद नहीं है। टैक्सी यूनियन की हड़ताल नहीं टूटी तो लोगों को काफी अधिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

गौरव, निवासी कफड़खान, अल्मोड़ा

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फोटो= 15 एएलएमपी 8 = राजीव जोशी

मैं सवेरे छह बजे अल्मोड़ा पहुंच गया था। लेकिन दोपहर होने के बाद भी मुझे सोमेश्वर जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिल सका है। मेरे परिजन भी काफी देर से वहां मेरा इंतजार कर रहे हैं। लेकिन यात्रियों की सुविधा की यहां कोई व्यवस्था नहीं है।

राजीव जोशी निवासी सोमेश्वर

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फोटो= 15 एएलएमपी 9 = अरूण कुमार

टैक्सियों की हड़ताल की सूचना के बाद भी प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है। अगर प्रशासन ने बड़े वाहनों की संख्या में कुछ वृद्धि की होती तो शायद यात्रियों को इतनी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।

अरूण कुमार निवासी, अल्मोड़ा

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ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ गई है दिक्कत

अल्मोड़ा : टैक्सी यूनियन की हड़ताल का सबसे अधिक प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों पर पड़ा है। यहां यात्रियों को जहां इधर उधर जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दैनिक उपयोग की सामान की उपलब्धता पर भी असर पड़ रहा है। जिले के सल्ट, स्याल्दे, भिकियासैंण, चौखुटिया, द्वाराहाट, भैंसियाछाना, धौलादेवी, लमगड़ा, दन्या क्षेत्रों में हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है।


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