स्मरण करने मातृ से कष्ट हरतीं हैं मां
रानीखेत : नगर के निकटवर्ती गांव बित्थड़ में श्रीमद् देवी भागवत से माहौल भक्तिमय बना हुआ है। कथावाचक व
रानीखेत : नगर के निकटवर्ती गांव बित्थड़ में श्रीमद् देवी भागवत से माहौल भक्तिमय बना हुआ है। कथावाचक वेदाचार्य डॉ. मनोज पांडे ने मां दुर्गा के विविध रूपों का वर्णन किया। कहा श्रद्धा भाव से स्मरण करने मात्र से मां सबके कष्ट हरती हैं। इस दौरान मां के जयकारों से माहौल देवीमय हो उठा।
वृद्धजन, महिला एवं युवा शक्ति समितियों के तत्वावधान में विकासखंड के वित्थड स्थित हरज्यू की धूणी में चले दस दिनी देवी भागवत का विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों, हवन व भंडारे के साथ पारायण आ। पारायण अवसर पर कथावाचन करते हुए देवाचार्य डॉ. पांडे ने कहा कि मां कण कण में विराजमान है। श्रद्धाभाव से स्मरण करने मात्र से ही भक्तों के कष्टों का हरती है। इससे पूर्व धर्माचार्य दर्शन तिवाड़ी, कौश्तुवानंद बिष्ट आदि ने यजमानों से धार्मिक अुनष्ठान पूरे करवाए। भंडारा लगा। इसमें पांडेकोटा, कपीना, जामण, टाना, गनियाद्योली आदि गांवों से पहुंचे श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
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मानव कल्याण की कामना के साथ पारायण
मानिला : मल्ली मानिला स्थित देवी मंदिर सात दिनी श्रीमद् भागवत कथा का विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों व जगत कल्याण की कामना के साथ पारायण हुआ। इस दौरान लगे भंडारे में आसपास गांवों से पहुंचे श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इससे पूर्व महंत श्रीश्री 1008 चैतन्यानंद सरस्वती महाराज व भाष्करानंद महाराज की देखरेख में यज्ञाचार्य घनश्याम व हितेश पंत ने यजमान दीप चंद्र व हरीश मेहता से धार्मिक अनुष्ठान पूरे करवाए। विश्व शांति व मानव कल्याण के लिए हवन हुआ। भंडारा लगा। मंदिर समिति के गोपाल दत्त्त, प्रवीण बिष्ट, प्रकाश बवाड़ी, भगत सिंह, चंडी प्रसाद, डॉ. सतीश भट्ट, सुभाष सती व राम सिंह आदि कारसेवा में जुटे रहे।
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कुलदेवी पूजा अर्चना की तैयारियां तेज
द्वाराहाट : चौधरी समाज की आराध्य कुलदेवी की विशेष वार्षिक पूजा की तैयारियों जोरशोर से चल रही हैं। आयोजन को भव्य स्प से मनाने के लिए विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान भी पूरे करवाए जाएंगे।
समिति के अनिल चौधरी के अनुसार 19 व 20 जून होने वाले आयोजन की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कहा कि 19 जून को सांय देवी जागरण के दौरान शिव ताडव नृत्य, राधा कृष्ण की होली तथा सुदामा की भगवान से मित्रता आदि प्रसंगों का मंचन भी किया जाएगा। 20 जून को प्रात: से पूजा अर्चना के बाद नगाड़े निषाणों के साथ सभी मंदिरों की परिक्रमा, भोग और कन्या पूजन के बाद हवन यज्ञ व भंडारा लगेगा। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों से प्रसाद ग्रहण कर पुण्यलाभ लेने का आह्वान किया है।