कोसी पुनर्जनन महाअभियान से जुड़ी मातृ शक्ति
संवाद सहयोगी, रानीखेत : कोसी नदी के पुनर्जनन के लिए अब महिलाओं तथा विद्यार्थियों को जोड़ महा अभिय
संवाद सहयोगी, रानीखेत : कोसी नदी के पुनर्जनन के लिए अब महिलाओं तथा विद्यार्थियों को जोड़ महा अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए शीतलाखेत में खाका तैयार कर बकायदा जिम्मेदारिया भी सौप दी गईं हैं। अतीत के अकूत भूजल वाले इस वनीय क्षेत्र को पर्यावरणीय दृष्टि से मॉडल बना कोसी नदी के हालात सुधारने को आधुनिक विधियों को अंजाम दिए जाने पर सहमति बनी।
अल्मोड़ा नगर व करीब चार दर्जन गावों के पेयजल का मुख्य स्त्रोत स्याही देवी के वनीय क्षेत्र को विकसित करने के लिए उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा व अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) व स्याही देवी विकास समिति अर्से से प्रयासरत हैं। इसी सिलसिले में गुरुवार को शीतलाखेत में बैठक आयोजित हुई। जिसमें आगे के कार्यक्त्रम तय किए गए। कहा गया कि स्याही देवी रिचार्च जोन में जल व पर्यावरण संरक्षण के लिए क्षेत्र के 11 इंटर व एक महाविद्यालय के अलावा 40 गावों की महिलाओं को जोड़ अभियान चलाया जाएगा। तय किया गया कि क्षेत्र के सभी विद्यालयों में निबंध व भाषण प्रतियोगिताएं करवा, निकले निष्कषरें के अनुरूप भावी कार्य होंगे। वक्ताओं ने यूसर्क निदेशक डा दुर्गेश पंत द्वारा मिल रहे सहयोग के लिए उनका आभार जताया। मौके पर समिति संयोजक गिरीश चंद्र शर्मा, दिग्विजय सिंह बोरा, गजेंद्र कुमार पाठक, हरीश बिष्ट, कैलाशनाथ गोस्वामी, गणेश पाठक, पुरन सिंह नेगी, रमेश भंडारी आदि मौजूद रहे।