गगास की सहायक नदी मल्या को भी मिलेगा पुनर्जीवन
गगास की सहायक नदी मल्या को पुनर्जीवित करने के लिए जायका के तहत कदम बढ़ा लिए गए हैं
संवाद सहयोगी, रानीखेत : गगास की सहायक नदी मल्या को पुनर्जीवित करने व नदी का पानी आस-पास के गांवों में दम तोड़ रही खेती तक पहुंचाने को भूमि संरक्षण विभाग ने जापान इंट्रेक्टिव कॉरपोरेशन एजेंसी (जायका) परियोजना के तहत कदम बढ़ा लिए हैं। इसके लिए करीब 63 लाख के बजट से नदी के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में चाल, खाल व चेक डैम बनाने के लिए बकायदा कार्ययोजना भी तैयार कर ली गई है।
बीते शनिवार को जनप्रतिनिधियों, वन पंचायत सरपंचों व ग्रामीणों के साथ बैठक कर कार्ययोजना पर चर्चा की गई। तय किया गया कि मल्या नदी के उद्गम स्थल से लेकर नदी से सटे भिटारकोट, नैणी, कुलसीवी आदि गांवों में ऊंचाई वाले स्थानों पर चाल खाल, चैक डैम व तटबंध निर्माण किया जाएगा। साथ ही नदी में छोटे छोटे जलाशय बनाकर नहरों के जरिये खेतों तक पहुंचाया जाएगा।
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बद्रीनाथ मंदिर के समीप बनेगा बड़ा जलाशय
योजना के तहत धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कुंवाली स्थित भगवान बद्रीनाथ मंदिर का सुंदरीकरण कराया जाएगा। मंदिर के समीप ही बड़ा जलाशय तैयार किया जाएगा। जिससे यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं व देवडांगरों को लाभ मिल सकेगा।
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15 ग्रामीणों के घरों के पास बनेंगे रेन वाटर हार्वेस्टिंग टैंक
जल संरक्षण के लिए 15 ग्रामीणों के घर के समीप वाटर हार्वेस्टिंग टैंकों का निर्माण किया जाएगा। नदी क्षेत्र में छह जलाशय, भू कटाव को रोकने के लिए 17 वायरक्त्रेट, 30 चेकडैम व 60 चाल, खाल भी बनाए जाएंगे। योजना से किसानों की करीब 500 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई का लाभ मिल सकेगा।
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पंचायत प्रतिनिधियों के साथ किया मौका मुआयना
भूमि संरक्षण के प्रभागीय वनाधिकारी उमेश पांडे ने जनप्रतिनिधियों, वन पंचायत सरपंचों व ग्रामीणों के साथ निर्माण स्थलों का मौका मुआयना किया। इस दौरान बीडीसी सदस्य दीपक साह कन्नू, भूपेंद्र सिंह, गोविंद कुमार, प्रधान राजेंद्र बिष्ट, तुलसी देवी, वन पंचायत सरपंच गोपाल सिंह, रेखा बजेठा, नरेंद्र बिष्ट, कुलप्रकाश जोशी, दिनेश वर्मा, हेम पांडे, दीपक पांडे, दीवान सिंह, शिव सिंह बजेठा, ललित बोरा, बलवंत बजेठा, हीरा सिंह आदि मौजूद रहे।
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'ग्रामीणों को योजना का लाभ दिलाने के लिए जलाशय व चेक डैम निर्माण की योजना तैयार की है। इससे जहां नदी का जल स्तर बढ़ेगा, वहीं सिंचाई के जरिये कम होती खेती को भी नया जीवन मिल सकेगा। कार्य शीघ्र आरंभ कर दिया जाएगा। मौका मुआयना कर खाका तैयार कर लिया गया है।
-उमेश जोशी, प्रभागीय वनाधिकारी भूमि संरक्षण'