लेप्रोसी अस्पताल के कुष्ठ रोगी परेशान
अल्मोड़ा जिला मुख्यालय के करबला में स्थित लेप्रोसी मिशन अस्पताल को बंद किए जाने की चर्चा से वहां रह रहे कुष्ठ रोगी परेशान हैं। उन्हें चिता सता रही है कि अस्पताल बंद होने के बाद उनका क्या होगा।
संस, अल्मोड़ा : जिला मुख्यालय के करबला में स्थित लेप्रोसी मिशन अस्पताल को बंद किए जाने की चर्चा से वहां रह रहे कुष्ठ रोगी परेशान हैं। उन्हें चिता सता रही है कि अस्पताल बंद होने के बाद उनका क्या होगा। वह इसे किसी भी हाल में बंद न करने और अस्पताल में नए रोगियों को भर्ती कर उनका उपचार करने की मांग कर रहे हैं।
कुष्ठ रोगियों की सेवा व उपचार के लिए नगर के करबला में वर्षों पुराना लेप्रोसी अस्पताल है, जिसमें वर्तमान में 15 कुष्ठ रोगी हैं और उनका उपचार किया जा रहा है। दरअसल वर्ष 2018 में इस अस्पताल को चला रहे लेप्रोसी मिशन की लीज समाप्त हो गई है। मैथोडिस्ट चर्च आफ इंडिया (एमसीआइ) की ओर से लीज को नहीं बढ़ाया गया और वर्ष 2020 में स्वयं इस अस्पताल को चलाने की बात कही गई। पूर्व में भी मंशा पर शक करते हुए लोगों ने उसका विरोध भी किया था। हैरत की बात है कि पिछले दो वर्षों में एक भी नया मरीज यहां नहीं रखा गया। ऐसा नहीं है कि अस्पताल में कोई मरीज ही नहीं आया। प्रतिदिन कुष्ठ रोग से परेशान अनेक रोगी दूर-दूर से इस अस्पताल में पहुंचते हैं। लेकिन उन्हें भर्ती ही नहीं किया जा रहा है। अब एक बार फिर अस्पताल को बंद किए लाने की चर्चा से वहां रह रहे कुष्ठ रोगी परेशान हैं। हालात यह है कि वर्तमान में चिकित्सालय में चिकित्सक की तैनाती तक नहीं है। कुष्ठ रोगियों की मांग है कि किसी भी हाल में इस अस्पताल को बंद नहीं किया जाना चाहिए। वहीं नए कुष्ठ रोगियों को अस्पताल में भर्ती कर देखभाल करने के लिए रखा जाना चाहिए। एमसीआइ की बोर्ड मीटिग में लेप्रोसी अस्पताल की जमीन को बेचने या फिर अस्पताल को बंद करने की कोई निर्णय नहीं लिया गया है। कुछ लोग जबरन इसकी अफवाह फैला रहे हैं। वहीं अस्पताल को चलाने के लिए उसके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के संबंध में समिति की बैठक में जल्द चर्चा की जाएगी। जल्द ही वार्ड आया व वार्ड ब्वाय की नियुक्ति करने जा रहे हैं।
- अरुण थामस, चेयरमैन प्रतिनिधि, एमसीआइ