Move to Jagran APP

कुमाऊंनी लोक संस्कृति के संरक्षण का आगे आने का आह्वान

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : कुमाऊंनी लोक संस्कृति को समृद्ध करने के उद्देश्य से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्ष

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 11:03 PM (IST)Updated: Fri, 15 Feb 2019 11:03 PM (IST)
कुमाऊंनी लोक संस्कृति के संरक्षण का आगे आने का आह्वान
कुमाऊंनी लोक संस्कृति के संरक्षण का आगे आने का आह्वान

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : कुमाऊंनी लोक संस्कृति को समृद्ध करने के उद्देश्य से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में कुमाऊंनी लोक गीत कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें कुमाऊंनी लोक संस्कृति के संरक्षण का आगे आने का आह्वान किया गया।

loksabha election banner

इस मौके पर डायट के प्राचार्य डॉ. राजेंद्र सिंह ने कहा कि लोक गीतों के माध्यम से शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को सरल बनाया जा सकेगा। इस मौके पर पहरू पत्रिका के डॉ. हयात सिंह रावत ने कहा कि कुमाऊं के लोकप्रिय लेखकों व कवियों के प्रेरणादायक लोकगीतों का गायन विद्यालयों में किया जाना चाहिए। उन्होंने लोक गीतों की विभिन्न विधाओं से प्रतिभागियों को अवगत कराया। बच्चों की त्रैमासिक पत्रिका बालप्रहरी के उदय किरौला ने कहा कि विद्यालयों में हीरा सिंह राणा व गिरदा के उत्साहजनक गीतों का गायन किया जाना चाहिए। इस कार्यक्रम के संयोजक गोपाल सिंह गैड़ा ने कहा कि कुमाऊंनी व गढ़वाली लोक गीतों व कहानियों से संबंधित साहित्य का निर्माण पूर्व में राज्य सरकार द्वारा संग्रहीत किया जा चुका है। अभी यह कार्यरूप में परिणित किया जाना है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पाठ्यचर्या के आधार पर शिक्षकों को स्थानीय लोक भाषा व लोकगीतों का ज्ञान आवश्यक है। कहा कि इससे शिक्षण प्रक्रिया को सरल बनाया जाता है। इस मौके पर डॉ. बृजेश डसीला, डॉ. धारा बल्लभ पांडे, डॉ. इंदिरा पांडे, आनंद पांडे, रमा वर्मा, माया राम, कमला बिष्ट, कृपाल सिंह, आशा भट्ट, आशा कुमैया, शंकर प्रसाद टम्टा, भावना पांडे, डॉ.नवीन जोशी, किशोरी लाल आदि मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.