सरकारी अस्पतालों में बढ़ा शुल्क
सरकारी अस्पतालो में पहले ही मरीजों को उचित उपचार नहीं मिल पा रहा है।
संस, अल्मोड़ा : सरकारी अस्पतालो में पहले ही मरीजों को उचित उपचार नहीं मिल पा रहा है। वहीं अब अस्पताल के शुल्क में दस प्रतिशत की वृद्धि कर मरीजों की परेशानी कोरोना काल में और बढ़ा दी गई है जिससे सरकारी अस्पताल में भी मरीजों को उपचार कराने के लिए पहले की अपेक्षा ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ रहा है। सरकारी अस्पतालों में पंजीकरण से लेकर भर्ती शुल्क तथा विभिन्न जांचों के शुल्क लिए जाते हैं। जिनमें दस फीसदी की वृद्धि कर दी गई है। इससे आíथक तंगी से जूझ रहे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब मरीजों को ओपीडी पर्चे के लिए 25 रुपये के बजाय 28 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। इसके सबसे ज्यादा प्रभाव गरीब तबके के लोगों को उठाना पड़ रहा है।
इधर, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने लचर स्वास्थ्य सेवाओं के बावजूद भी सरकारी अस्पतालों में इलाज महंगा करने की कड़ी आलोचना की है। पार्टी की यहां हुई बैठक में कहा गया कि यदि सरकार ने इस निर्णय पर पुनर्विचार नहीं किया तो पार्टी आंदोलन की रूपरेखा बनाने को विवश होगी। स्पष्ट कहा है कि जनहितों की अनदेखी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि सरकार के आए दिन के जनविरोधी फैसले से जनता आजिज आ चुकी है। वहीं 70 वर्ष पूर्व चौबटिया में स्थापित उद्यान निदेशालय को देहरादून शिफ्ट करने का प्रयास किया जा रहा है। कहा कि सरकार की इस प्रकार की कोशिश का पार्टी विरोध करती है। बैठक में आनंदी वर्मा, नारायण राम, वंदना, हीरा आर्या, राजू गिरि, धीरेंद्र मोहन पंत, पूरन सिंह मेहरा आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।