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वनाग्नि सुरक्षा के लिए कसरत तेज

वनाग्नि सुरक्षा के प्रति चितित वन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। अल्मोड़ा वन प्रभाग व सिविल सोयम वन प्रभाग के विभिन्न वन रेजों में क्रू स्टेशन बनाए जा रहे हैं। वहीं जिले के 11 विकास खंडों के 1155 ग्राम पंचायतों में वनाग्नि सुरक्षा समितियों का गठन किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 04:12 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 04:12 PM (IST)
वनाग्नि सुरक्षा के लिए कसरत तेज

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : वनाग्नि सुरक्षा के प्रति चितित वन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। अल्मोड़ा वन प्रभाग व सिविल सोयम वन प्रभाग के विभिन्न वन रेजों में क्रू स्टेशन बनाए जा रहे हैं। वहीं जिले के 11 विकास खंडों के 1155 ग्राम पंचायतों में वनाग्नि सुरक्षा समितियों का गठन किया जा रहा है। वन विभाग 15 फरवरी से 15 जून अथवा वर्षाकाल शुरू होने तक के समय को फायर सीजन मानता है।

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हर साल फायर सीजन में वनाग्नि की घटनाओं से लाखों की वन संपदा को नुकसान पहुंचता है। वहीं अमूल्य जड़ी-बूटियों के पौधों को भी नुकसान पहुंचता है। वहीं दुर्लभ वन्य जीवों को भी क्षति पहुंचती है। इसी के मद्देनजर वन विभाग वनाग्नि सुरक्षा के लिए चौकन्ना हो चला है। इधर विभाग ने वनाग्नि की घटनाओं को कम करने के लिए ग्राम पंचायतों के लोगों के मध्य जनजागरूकता अभियान चलाने का भी निर्णय लिया है। इसके तहत ग्राम पंचायतों में वनाग्नि सुरक्षा गोष्ठियां कर ग्रामीणों को वनाग्नि सुरक्षा के बावत जानकारी दी जाएगी। दोनों वन प्रभागों में बनाए गए 75 क्रू स्टेशन

अल्मोड़ा वन प्रभाग व सिविल सोयम वन प्रभागों में वनाग्नि सुरक्षा के लिए कुल 75 क्रू स्टेशन बनाए गए हैं। इसमें चार से पांच कर्मचारी तैनात रहेंगे। जो वन रेंजों में वनाग्नि से संबंधित घटनाओं की जानकारी जिला मुख्यालय स्थित मास्टर कंट्रोल रूम को देंगे। अल्मोड़ा वन प्रभाग में 46 तो सिविल सोयम वन प्रभाग में 29 क्रू स्टेशन बनाए गए हैं। विगत साल हुई वनाग्नि की 192 घटनाएं

61,082 हेक्टेअर क्षेत्रफल में फैले अल्मोड़ा वन प्रभाग में विगत साल आग की 122 घटनाएं हुईं। जिससे वन संपदा को 9.80 लाख का नुकसान पहुंचा। वहीं 42,418 हेक्टेअर वन क्षेत्रफल वाले सिविल सोयम वन प्रभाग में वनाग्नि की 70 घटनाएं हुईं। इन घटनाओं से वनों की संपदा को 4.78 लाख का नुकसान पहुंचा। वनों की आग से सुरक्षा के लिए तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं। पहले चरण में विभिन्न वन रेंजों में क्रू स्टेशनों का निर्माण कर दिया गया है। वहीं ग्राम पंचायतों में भी वनाग्नि सुरक्षा समितियों का गठन किया जा रहा है। जल्द ही ग्राम पंचायतों में वनाग्नि सुरक्षा गोष्ठियों का आयोजन कर ग्रामीणों को वनाग्नि सुरक्षा से संबंधित जानकारी दी जाएगी।

- दीप चंद्र पंत, डीएफओ, सिविल सोयम वन प्रभाग


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