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अल्मोड़ा में भुल्यूड़ा व बाड़ी गांव तक सड़क के लिए वन भूमि का रोड़ा हटा

अल्मोड़ा में सब्जी व दुग्ध उत्पादक भुल्यूड़ा तथा बाड़ी गांव के लोगों की वर्षो की मांग पूरी होने जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2020 10:02 AM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 10:02 AM (IST)
अल्मोड़ा में भुल्यूड़ा व बाड़ी गांव तक सड़क के लिए वन भूमि का रोड़ा हटा
अल्मोड़ा में भुल्यूड़ा व बाड़ी गांव तक सड़क के लिए वन भूमि का रोड़ा हटा

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : सब्जी व दुग्ध उत्पादक भुल्यूड़ा तथा बाड़ी गांव के लोगों की वर्षो पुरानी मुराद अब पूरी होने की उम्मीद जगी है। वन भूमि का रोड़ा दूर होने के बाद केंद्र ने साढ़े तीन किमी रोड के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है। सड़क बनने से दोनों गांवों के करीब एक हजार किसानों को बुनियादी सुविधा का लाभ मिल सकेगा।

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दरअसल, वर्ष 2017 में नारायणदत्त तिवाड़ी देवाल कपड़खान मोटर मार्ग से भुल्यूड़ा तक विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान के प्रस्ताव पर राज्य सरकार ने मंजूरी दी थी। मगर वन भूमि का पेंच फंसने से रोड निर्माण तो दूर कटान तक नहीं हो सका। इसी वर्ष विधानसभा उपाध्यक्ष की ओर से दोबारा प्रस्ताव दिए जाने के बाद मामले के निस्तारण को कसरत तेज हुई। अब जाकर कृषि व पशुपालन आधारित भुल्यूड़ा व बाड़ी गांव को सड़क सुख की उम्मीद जगी है।

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने लोनिवि को रोड बनाने के लिए लोनिवि को 1.103 हेक्टेयर वन भूमि देने की स्वीकृति दे दी है। इसके एवज में दुनाड़ सिविल क्षेत्र के 2206 हेक्टेयर क्षेत्रफल में स्थानीय बहुपयोगी पौध लगाने होंगे।

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होम स्टे योजना को लगेंगे पंख

सड़क निर्माण का रास्ता साफ होने से ग्रामीण पर्यटन से जुड़े भुल्यूड़ा व बाड़ी गांव में होम स्टे योजना परवान चढ़ सकेगी। इन दोनों गांवों में देश विदेश के सैलानी होम स्टे के लिए आते हैं। मगर सड़क न होने से परेशानी भी झेलनी पड़ती थी। हालांकि लॉकडाउन के बाद से पर्यटन गतिविधियां ठप हैं। मगर स्थानीय स्तर पर बढ़ावा मिलेगा।

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ये होगा लाभ

= सब्जी उत्पादक आसानी से उपज बाजार पहुंचा सकेंगे

= ढुलान के अतिरिक्त बोझ से मिलेगी निजात

= दुग्ध उत्पादकों को मिलेगी बड़ी सुविधा

= ग्रामीण पर्यटन से जुड़े दोनों गांवों की बढ़ेगी आजीविका

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'दोनों गांवों के लोग अरसे से सड़क की मांग उठाते आ रहे थे। लगातार प्रयासों से वन भूमि के लंबित मामले का निस्तारण किया जा सका है। जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू करा दो माह के भीतर निर्माण कार्य शुरू करा देंगे। वन विभाग जमीन के बदले क्षतिपूरक के तौर पर मूल्य तय करेगा। उसी आधार पर शर्तो को पूरा किया जाएगा।

- रघुनाथ सिंह चौहान, विधानसभा उपाध्यक्ष'

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