तंत्र के खिलाफ भरी हुंकार, उपेक्षा का आरोप
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : प्रदेश में सफाई कार्य को ठेकेदारी प्रथा से मुक्त किए जाने के मुद्दे पर पर्या
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : प्रदेश में सफाई कार्य को ठेकेदारी प्रथा से मुक्त किए जाने के मुद्दे पर पर्यावरण मित्रों ने पालिका परिसर में प्रदर्शन कर धरना दिया। वक्ताओं ने कहा कि पूरे देश में चल रहे स्वच्छ भारत अभियान में पर्यावरण मित्र अहम भूमिका निभा रहे, मगर ठेका प्रथा से उनका मनोबल तोड़ने की कोशिश की जा रही। साथ ही नए नगर निकायों में सीधी भर्ती, पदोन्नति आदि मागे उठाई। दो टूक कहा कि उपेक्षा बंद न होने पर प्रदेशव्यापी हड़ताल शुरू कर दी जाएगी।
देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ के बैनर तले गुरुवार को भी पर्यावरण मित्रों के तंत्र विरोधी नारे गूंजते रहे। पालिका परिसर में प्रदर्शन के बाद धरना दिया गया। इस दौरान हुई सभा में वक्ताओं ने निकायों में ठेका प्रथा को गंभीर बीमारी करार दिया। कहा कि ठेकेदारी प्रणाली से पर्यावरण मित्रों का आर्थिक व सामाजिक स्तर पिछड़ता जा रहा। उन्होंने सीएम को ज्ञापन भी भेजा। इसमें कहा गया है कि बीती तीस जनवरी को काशीपुर महापंचायत के माध्यम से ठेका प्रथा खत्म कर कर्मचारियों की समस्याओं के निदान का आग्रह किया गया। बीती 20 सितंबर को हल्द्वानी में महारैली भी की गई। मगर अफसोस कि अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
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इन ज्वलंत मुद्दों पर मुखर
= निकायों व विभागों में सफाई कार्य से ठेका परंपरा खत्म करें।
= संविदा कर्मी, चालक, मोहल्ला स्वच्छता समिति, दैनिक वेतनभोगियों का विनियमितीकरण।
= एससी पद को छठे स्थान पर किए जाने संबंधी फैसला वापस लिया जाए।
= पर्यावरण पर्यवेक्षक, कनिष्ठ लिपिक, सफाई निरीक्षक व चालक पदों पर पदोन्नति में 50 फीसद आरक्षण का लाभ।
= सेवानिवृत्त कर्मियों की पेंशन व गु्रच्युटी का भुगतान।
= पालिका की भूमि पर आवासीय मकानों में मालिकाना हक।
= वर्ष 2014 से बंद सामूहिक बीमा व्यवस्था पुन: लागू करने समेत 12 बिंदु।
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ये बैठे धरने पर
शाखा अध्यक्ष सुरेश केसरी, महासचिव राजेश टाक, उपाध्यक्ष सतीष कुमार, संगठन सचिव दीपक चंदेल, उपसचिव दीपक सैलानी, कोषाध्यक्ष राजेंद्र पवार, दीप चंद्र, कृष्ण कुमार, मुकेश पवार, आशा देवी, विमला देवी, अनीजा देवी, सागर कुमार, प्रदीप, यशपाल, कमल चौहान, चेतन आदि।