किसान आंदोलन के पक्ष में पहाड़ में गूंजे हरियाणवी जनगीत
किसान आंदोलन के मद्देनजर संयुक्त किसान एकता मोर्चा के भारत बंद का जिले में नही दिखा।
संस, अल्मोड़ा : किसान आंदोलन के मद्देनजर संयुक्त किसान एकता मोर्चा के भारत बंद का बेशक राज्य में कोई असर नहीं दिखा। मगर जिला मुख्यालय में किसानों के समर्थन में हरियाणवी जनगीत गूंजते रहे। 'रै करल्यो किसानों की कद्र..' गीत के जरिये उत्तराखंड किसान सभा ने केंद्र सरकार पर तीखे कटाक्ष किए। अन्नदाताओं की बेकद्री का आरोप लगाते हुए तीनों बिलों को निरस्त करने की मांग उठाई। धरना भी दिया गया।
अखिल भारतीय किसान यूनियन से संबद्ध उत्तराखंड किसान सभा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने गाधी पार्क में बार्डर पर किसान आंदोलन को जायज बताते हुए धरना दिया। सभा में वक्ताओं ने कहा कि आदोलन को महीने बीत चुके हैं। डेढ़ सौ ज्यादा किसान दम भी तोड़ गए हैं। मगर केंद्र सरकार किसान बिलों को निरस्त करने को तैयार नहीं है। आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश के अन्नदाताओं के साथ दुश्मन जैसा बर्ताव कर रही है।
किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने तीनों किसान कानूनों की वापसी, एमसपी पर कड़ा कानून बनाने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, गिरफ्तार किसानों की रिहाई, आदोलन में मारे गए किसानों को शहीद का दर्जा दे परिजनों को 20 लाख रुपये मुआवजे आदि पर जोर दिया। तय हुआ कि आंदोलन जारी रखा जाएगा। इस मौके पर किसान सभा के जिला संयोजक दिनेश पाडे, सीटू के राज्य कमेटी सदस्य तथा जिला संयोजक आरपी जोशी, अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की प्रांतीय अध्यक्ष सुनीता पाडे, जिला सचिव राधा नेगी, मुन्नी प्रसाद, जनवादी नौजवान सभा के यूसुफ तिवारी, स्वप्निल पाडे, केंद्रीय पेंशनर एसोसिएशन के राज्य सचिव महेश आर्या, कामरेड अरुण जोशी, योगेश टम्टा, अधिवक्ता योगेश पचोलिया, पूनम तिवारी, जया पाडे, भावना तिवारी, भानु पाडे, मुमताज अख्तर आदि मौजूद रहे।