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ओलावृष्टि ने तोड़ी किसानों की कमर

संवाद सहयोगी अल्मोड़ा रविवार को जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में मौसम ने अचानक करवट बदल डाल

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 10:37 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 10:37 PM (IST)
ओलावृष्टि ने तोड़ी किसानों की कमर
ओलावृष्टि ने तोड़ी किसानों की कमर

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : रविवार को जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में मौसम ने अचानक करवट बदल डाली। बारिश के साथ-साथ जमकर ओलावृष्टि हुई। ओलावृष्टि के कारण फल और सब्जियों की पौध को काफी नुकसान हुआ है। जिससे अब किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं।

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रविवार को मौसम का मिजाज बदला हुआ था। सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए थे। दोपहर बाद जागेश्वर, बाड़ेछीना, पनुवानौला, धौलछीना आदि क्षेत्रों में जमकर ओलावृष्टि हुई। बारिश और ओलावृष्टि के कारण जहां इन क्षेत्रों में फिर से ठंड बढ़ गई है, वहीं ओलावृष्टि के कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ है। इन क्षेत्रों में रविवार को करीब आधा घंटा तक लगातार ओलावृष्टि हुई। ओलावृष्टि के कारण फल और सब्जियों की पौध पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। किसानों का कहना है कि उन्होंने बड़ी मेहनत से फल और सब्जियों की पौध लगाई थी। लेकिन लगातार हो रही बारिश और ओलावृष्टि के कारण खेती को लगातार नुकसान पहुंचा है। जिस कारण इस बार फल और सब्जियों का उत्पादन कम होने की संभावना बनी हुई है।

इधर देर शाम अल्मोड़ा में कुछ देर बारिश हुई। जिस कारण मौसम फिर ठंडा हो गया। रविवार को अधिकतम तापमान 28 और न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

---------------- --इंसेट पैकेज

इन सब्जियों व फलों को पहुंचा है नुकसान

बैगन, टमाटर, शिमला मिर्च, लौकी, तुरई, कद्दू, करेला, बींस, माल्टा, नींबू, आम, लीची, अमरूद, अनार

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उत्पादकों को होगा आर्थिक नुकसान

अल्मोड़ा : इस बार मौसम की मार का सबसे अधिक नुकसान फल और सब्जी उत्पादकों को भुगतना पड़ेगा। जागेश्वर, पनुवानौला और धौलछीना क्षेत्र में 70 प्रतिशत से अधिक किसान फल और सब्जियों का उत्पादन कर अपनी आजीविका चलाते हैं। लेकिन इस बार फसलों के बर्बाद होने के कारण उनके उत्पादन में भी कमी आएगी। जिसका सीधा असर उनकी आजीविका पर पड़ेगा।

-------------- ===== वर्जन

मौसम खराब होने का असर खेती पर पड़ेगा। जिन इलाकों में किसान फल और सब्जियों का उत्पादन करते हैं। वहां ओलावृष्टि से हुए नुकसान का आकलन किया जाएगा।

-प्रियंका सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी, अल्मोड़ा


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