अल्मोड़ा में आज विकास भवन घेरेंगे ग्राम प्रधान
अल्मोड़ा जिले में सरकार की उपेक्षा से आक्रोशित ग्राम प्रधानों ने अब आरपार की लड़ाई का निर्णय लिया है।
जागरण टीम, अल्मोड़ा, रानीखेत : सरकार की उपेक्षा से आक्रोशित ग्राम प्रधानों ने अब आरपार के संघर्ष का एलान किया है। आंदोलन के 11 दिनों बाद भी सरकार की ओर से कोई सुध नहीं लिए जाने पर अब ग्राम प्रधानों ने सोमवार को विकास भवन कूच का एलान किया है। कहा है कि ग्रामीण विकास की अनदेखी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए चाहे कितना ही संघर्ष क्यों नहीं करना पड़े।
ग्राम प्रधान संगठन ने रविवार को आनलाइन बैठक कर अब तक समस्याओं का समाधान नहीं किए जाने पर आक्रोश व्यक्त किया। ग्राम प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष धीरेंद्र गैलाकोटी ने कहा कि एक ओर सरकार ग्रामीण विकास को अपनी प्राथमिकताओं में गिनाती है, वहीं आज भी जिले में कई पंचायतों के अपने भवन तक नहीं हैं। ऐसे में ग्राम प्रधानों व वार्ड सदस्यों को खुले आसमान तले विकास योजनाएं बनाने को मजबूर होना पड़ता है। वहीं ग्राम प्रधानों का मानदेय बढ़ाए जाने का मामला भी सालों से ठंडे बस्ते में पड़ा है। हवालबाग ब्लॉक संगठन अध्यक्ष देव सिंह भोजक, भैंसियाछाना के चंद्र सिंह मेहरा,लमगड़ा के राजेंद्र सिंह बिलवाल तथा ताड़ीखेत ब्लॉक संगठन अध्यक्ष प्रमिला देवी समेत अन्य विकास खंडों के ग्राम प्रधान संगठन के अध्यक्ष ने सोमवार को विकास भवन कूच कार्यक्रम में भागीदारी का आह्वान किया है। आनलाइन बैठक में विभिन्न विकास खंडों के संगठन अध्यक्ष व ग्राम प्रधान मौजूद रहे।
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उत्तराखंड काíमक एकता मंच खफा
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : उत्तराखंड काíमक एकता मंच की ऑनलाइन बैठक में लंबित समस्याओं का निराकरण नहीं करने पर आक्रोश जताया गया। कर्मचारियों के सेवा संबंधी मामलों के समयबद्ध समाधान के लिए राज्य के समूचे काíमक समुदाय से एक मंच पर आने का आह्वान किया गया। तय किया गया कि 20 जुलाई को हवालबाग में सम्मेलन होगा।
अगुवाई करते हुए एकता मंच के अध्यक्ष रमेश चंद्र पांडे ने कहा कि संवाद शून्यता और वादाखिलाफी हड़ताल के प्रमुख कारण हैं। अधिकारी काíमकों की बात सुनने तक को राजी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि काíमकों के पदोन्नति के मामलों के समयबद्ध निस्तारण हेतु सरकार ने बेहतरीन व्यवस्था बनाई है, लेकिन अधिकारियों की मनमानी से पदोन्नति के मामले लटके हैं। कहा गया कि खोटे सिक्के के रूप में गोल्डन कार्ड देकर काíमकों के साथ मजाक किया गया है। इसके समाधान हेतु जहां सचिवालय संघ की ओर से लगातार की जा रही पहल को सराहा गया वहीं अन्य परिसंघों की मूकर्दिशता पर सवाल उठाते हुए सभी से इस मजाक का माकूल जवाब देने के लिए एकजुट होने की अपील की गई। गढ़वाल मंडल के सभी जनपदों में एकता मंच के संयोजक मण्डल के गठन हेतु मंडलीय संयोजक सीताराम पोखरिया को अधिकृत किया गया । बैठक में काíमकों को समय से वेतन दिए जाने, पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने, बेसिक से एलटी में पदोन्नत व समायोजित शिक्षकों को चयन प्रोन्नत वेतनमान देने की पुरजोर मांग उठाई गई। लेखा परीक्षा अधिकारी के पद पर पदोन्नति हेतु समयसीमा तय किये जाने की मांग को लेकर सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी रमेश चंद्र पांडे द्वारा आगामी 16 जुलाई से अल्मोड़ा में आमरण अनशन करने के निर्णय का समर्थन किया गया।
बैठक का संचालन मंच के महासचिव दिगंबर फुलोरिया ने किया। ऑनलाइन बैठक में पंकज कांडपाल, धीरेंद्र पाठक, अजय बेलवाल, बीएस रावत, मानवेंद्र बर्थवाल, विजय तिवारी, सीताराम पोखरिया, रणवीर सिंह सिग्वाल, आनंद सिंह, गिरजाभूषण जोशी आदि मौजूद रहे।