रानीखेत क्षेत्र में ओलावृष्टि के बाद बारिश ने तबाह किए बगीचे
रानीखेत स्थित अमोड़ा-हल्द्वानी हाईवे से सटे फल उत्पादक गावों में किसानों के हालात ठीक नहीं है।
संवाद सहयोगी, रानीखेत : अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे से सटे फल उत्पादक गावों में किसानों के हालात ठीक नहीं है। पहले ओलावृष्टि से उपज बर्बाद हुई, अब बारिश से तैयार फल गलने लगे हैं। इससे काश्तकारों को नुकसान हो रहा है। बाजार में भी बेहतर दाम नहीं मिल रहा है।
हाईवे से सटे धारी, उल्गौर, रूपसिंह धूरा आदि गावों में आडू की बंपर पैदावार होती है। इस बार ओलावृष्टि तथा बारिश ने किसानों के सपने चकनाचूर कर दिए हैं। गाव में होने वाला रेडजून आडू काफी मात्रा में गलने लगा है। वहीं, लागत भी ठीक नहीं मिल रही। पहले करीब तीस रुपये किलो मिलता था, जो अब 15 रुपये भी नहीं मिल रहा है। लगातार नुकसान से किसान मायूस हैं। किसानों की मानें तो तीनों गावों में दस हजार क्विंटल से ज्यादा आडू का उत्पादन होता था, जो अब मौसम की मार से महज आधा रहा गया है। वहीं, हाईवे से इन गावों को जोड़ने वाले मोटर मार्ग के भी आए दिन बंद होने से काफी उपज बाहर नहीं जा पा रही है। फल गावों में ही बर्बाद हो रहे हैं। ग्रामीणों ने किसानों को उचित मुआवजा दिए जाने की माग उठाई है।
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-रीडर कनेक्ट-
हाड़ तोड़ मेहनत के बाद भी बेहतर उपज की उम्मीद लगाई थी पर पहले ओलावृष्टि और फिर अब बारिश ने फल को बर्बाद कर दिया है। बची-खुची उपज ही बाहर भेजी जा रही है। उसका भी बेहतर मूल्य नहीं मिल रहा।
- उमा देवी, उल्गौर।
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काफी मात्रा में फल बर्बाद हो चुका है। कोई देखने वाला नहीं। सर्वे टीम भी गाव में नहीं पहुंची है। किसानों ने बैंकों से ऋण लेकर भी बागवानी की है। किसानों को नुकसान का मुआवजा देना चाहिए।
पंकज भट्ट,धारी।
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बाजार से भी बेहतर दाम नहीं मिल रहा। बारिश से फल गलने लगा है। रोड की भी हालत खराब है। रोड के बंद रहने से भी नुकसान हो रहा है।
- संतोष नैनवाल,रूप सिंह धूरा।
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वर्जन
ओलावृष्टि के वक्त संयुक्त सर्वे की थी, अब दोबारा कराई जाएगी। बारिश से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। फल गलने लगा है। जल्द ही टीमें बनाकर गाव में सर्वे को भेजे जाएंगी।
- भावना जोशी, जिला उद्यान अधिकारी