सैन्य सम्मान के साथ बीएसएफ के दिवंगत जवान की अंत्येष्टि
जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में तैनात बीएसएफ के हवलदार कुंदन राम की रविवार को रामगंगा के तट पर सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई।
संवाद सहयोगी, चौखुटिया: जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में तैनात बीएसएफ के हवलदार कुंदन राम का पार्थिव शरीर सोमवार को उनके पैतृक गांव सिरोली लाया गया। उनका दो दिन पूर्व यूनिट में निधन हो गया था। उनका पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही माहौल बेहद गमगीन हो गया। करुण क्रंदन के बीच हर किसी की आंखें नम हो उठीं। अंत्येष्टि रामगंगा नदी के पावन तट बबलेश्वर श्मशान घाट पर सैन्य सम्मान के साथ की गई। चिता को मुखाग्नि उनके एकलौते पुत्र हरीश ने दी।
विकासखंड के सिरोली गांव निवासी बीएसएफ के 48 वर्षीय हवलदार कुंदन राम की कुपवाड़ा (जम्मू कश्मीर) में शुक्रवार को मौत हो गई थी। वह बीएसएफ की 169 बटालियन में तैनात थे। उनका पार्थिव शरीर बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर दिनेश जोशी के नेतृत्व में जवाना सोमवार सुबह उनके पैतृक गांव सिरोली लेकर पहुंचे। पार्थिव शरीर पहुंचते ही घर में मातम छा गया। उनकी माता व पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। रामगंगा नदी के पावन तट बबलेश्वर श्मशान पर सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई। इस दौरान यूनिट से पहुंची गारद ने उन्हें अंतिम सलामी दी।
------------ प्रशासन की ओर से एसडीएम ने दी श्रद्धांजलि
श्मशान घाट पर प्रशासन की ओर से एसडीएम आरके पांडे ने जवान को श्रद्धांजलि दी। वहीं तहसीलदार सतीश चंद्र बर्थवाल, प्रभारी थानाध्यक्ष मनमोहन मेहरा, पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी, ब्लॉक प्रमुख की ओर से प्रतिनिधि हीरा सिंह बिष्ट, पूर्व दर्जामंत्री कुबेर सिंह कठायत, अमर सिंह बिष्ट, रमेश चंद्र कांडपाल, सुंदर लाल आदि ने श्रद्धांजलि दी।
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यूनिट की ओर से पत्नी को दिए गए 35 हजार
फिलहाल परिवार को फौरी राहत के रूप में यूनिट की ओर से सब इंस्पेक्टर बीएसएफ दिनेश जोशी द्वारा पत्नी सुनीता को 35 हजार की धनराशि प्रदान की गई। बेटे हरीश को राष्ट्रीय ध्वज सौंपा गया।
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प्रमोशन की लाइन में था हवलदार कुंदन
दिवंगत हवलदार कुंदन राम की मौत से यूनिट के लोग भी दु:खी हैं। साथ में आए सब इंस्पेक्टर जोशी ने कुंदन को देशसेवा के लिए समर्पित जवान बताया। कहा वह व्यवहार कुशल थे। कुछ समय बाद उनका प्रमोशन वाला था।
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अब दिवंगत जवान की यादें शेष
परिवार के लोगों के अनुसार कुंदन नवंबर 2019 को छुट्टी में घर आए थे। दो माह की छुट्टी बिताने के बाद 19 जनवरी 2020 को कुपवाड़ा वापस लौट गए। इस दौरान उन्होंने परिवार व गांव के लोगों के साथ विभिन्न गतिविधियों में हाथ बंटाया। लेकिन अब उनकी यादें ही शेष रह गई हैं।
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19 अगस्त को परिजनों से हुई थी बात
बडे़ भाई पूर्व सैनिक जसराम आर्य व पत्नी सुनीता ने बताया कि दिवंगत कुंदन राम से उनकी आखिरी बार 19 अगस्त को फोन पर बात हुई थी। वार्ता में उन्होंने सब कुछ कुशल होने की बात कही तथा अगले सितंबर में छुट्टी पर घर आने का वादा भी किया था।