गैरसैंण राजधानी के मुद्दे को गंभीरता से लेने की जरूरत : हरीश रावत
अल्मोड़ा के चौखुटिया पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने स्थायी राजधानी गैरसैंण को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा।
संवाद सहयोगी, चौखुटिया: गैरसैंण राजधानी के मुद्दे पर कांग्रेस की भूमिका को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने सियासी बहस को धार दे दी है। हरदा बोले, मेरा मानना है कि उत्तराखंड में गंभीरता से कभी भी गैरसैंण राजधानी का मुद्दा नहीं बना। कांग्रेस सरकार ने वादा किया था कि 2020 तक गैरसैंण को पूर्ण रूप से राजधानी के रूप में विकसित कर दिया जाएगा, लेकिन हमें जनता ने हरा दिया। उन्होंने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि तीन वर्ष में सरकार ने गैरसैंण राजधानी विकास के नाम पर एक भी ईट नहीं लगाई है। गैरसैंण में उपवास पर बैठने को जाने से पूर्व बुधवार की सुबह पूर्व सीएम हरीश रावत यहां लोक निर्माण के निरीक्षण भवन में पत्रकारों से मुखातिब हुए। उन्होंने प्रदेश के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत के गैरसैंण शीतकालीन सत्र को लेकर दिए गए बयान पर चुटकी लेते हुए कहा कि उत्तराखंड हिमालयी राज्य है, जहां ठंड स्वाभाविक है। ऐसे में सत्र गैरसैंण में न चलाना पहाड़ का अपमान है, इसीलिए मेरा गैरसैंण में उपवास एक आक्रोश है। पूर्व सीएम ने नए संशोधित भू-कानून व विकास प्राधिकरण पर भी भाजपा प्रदेश सरकार को घेरा।
कहा कि नया भूमि कानून लागू कर देने से उत्तराखंड में विकास ठप हो गया है। रही सही कसर विकास प्राधिकरण ने पूरी कर दी है। हमारी सरकार ने गेस्ट शिक्षक तैनात कर शिक्षकों की कमी को पूरा कर दिया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने इस व्यवस्था को खत्म कर दिया है। हमने पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा देने का काम किया, पर भाजपा सरकार इस पर गंभीर नहीं है। इस अवसर पर पूर्व विधायक मदन सिंह बिष्ट अध्यक्ष गोपाल मासीवाल, पूर्व प्रमुख डॉ. लक्ष्मण सिंह मनराल, प्रदेश मेंबर गणेश कांडपाल व बाला दत्त तिवारी आदि मौजूद थे। ============
पार्टी कार्यकर्ताओं ने पूर्व सीएम का किया स्वागत
यहां पहुंचने पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से फूल मालाओं से पूर्व सीएम रावत का भव्य स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं से संगठन को मजबूत बनाने का आह्वान किया। कहा कि वे आम जनता की समस्याओं को उठाने के लिए संघर्ष करें एवं सभी को साथ लेकर चलें। इस अवसर पर पूर्व विधायक मदन बिष्ट, गणेश कांडपाल, लक्ष्मण सिंह मनराल, मनोज तिवारी, गोपाल मासीवाल, बाला दत्त तिवारी, जीवन नेगी, हीरा बिष्ट, दीप नेगी, शंकर रावत, प्रकाश रावत, प्रमुख किरन बिष्ट, क्षेपंस चेतना नेगी, कृष्णा राठौर, नंदन सिंह, भगवत बिष्ट, माधो सिंह बिष्ट, राजेंद्र कांडपाल, लीला कैड़ा, शंकर रावत, समेत पार्टी कार्यकर्ता मौजूद थे।