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बैकफुट पर वन विभाग, हैंडपंप से मोटर हटाई

ग्रामीणों के जनाक्रोश के आगे आखिर वन विभाग को झुकना ही पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 10:44 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 10:44 PM (IST)
बैकफुट पर वन विभाग, हैंडपंप से मोटर हटाई
बैकफुट पर वन विभाग, हैंडपंप से मोटर हटाई

संस, रानीखेत (अल्मोड़ा): ग्रामीणों के जनाक्रोश के आगे आखिर वन विभाग को झुकना ही पड़ा। बिल्लेख में पौधालय की सिंचाई को हैंडपंप में मोटर लगा पानी खींचने के मामले में विभाग ने कदम पीछे खींच लिए हैं। बढ़ते विरोध के बीच मोटर हटा दी गई। इस पर मामला शांत हो गया।

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बिल्लेख में वन विभाग के पौधालय में पानी की व्यवस्था के लिए हैंडपंप पर मोटर लगा दी गई थी ताकि पानी खींच कर सिंचाई की जा सके। मगर पेयजल संकट से जूझ रहे धूराफाट के विभिन्न गांवों के प्रधान विरोध में उतर आए थे। चार दिन पूर्व उन्होंने तहसील मुख्यालय पहुंच संयुक्त मजिस्ट्रेट अपूर्वा पांडे को ज्ञापन दिया था। उनका तर्क था कि धूराफाट क्षेत्र में पानी का संकट बढ़ता जा रहा है। लोग स्रोतों से जैसे तैसे व्यवस्था कर रहे हैं। हैंडपंप में मोटर लगा पानी खींचे जाने से आसपास के 35 से ज्यादा गांवों के स्रोतों के लिए खतरा पैदा हो जाएगा।

मंडलकोट, ऊणी, नौघर, सौला, मनारी के आदि के प्रधानों ने इसे अवैज्ञानिक करार देते हुए कहा कि इससे क्षेत्र के अन्य स्रोत भी प्रभावित हो सकते हैं। पंचायत प्रतिनिधियों ने डीएफओ को भी पत्र भेजा गया था।

इधर बढ़ते जनाक्रोश के मद्देनजर विभाग ने कदम खींच लिए हैं। वन क्षेत्राधिकारी हरीश लाल टम्टा ने कहा कि जनहित को देखते हुए मोटर हटा दी गई है। क्षेत्र के युवा रंजीत सिंह बिष्ट ने कहा कि पौधालय में पानी की व्यवस्था के लिए वन विभाग व जल निगम को आपस में वार्ता करनी चाहिए ताकि पंपिंग योजना के जरिये पानी स्टॉक कर पौधों को पानी दिया जा सके। मगर मोटर लगाया जाना अव्यवहारिक है।


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