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बारूद के ढेर पर वन विभाग का विश्राम गृह

संवाद सहयोगी, मौलेखाल (अल्मोड़ा) : जिले के सल्ट ब्लॉक में वन विभाग की लापरवाही एक बड़े ह

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 11:02 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 11:02 PM (IST)
बारूद के ढेर पर वन विभाग का विश्राम गृह
बारूद के ढेर पर वन विभाग का विश्राम गृह

संवाद सहयोगी, मौलेखाल (अल्मोड़ा) : जिले के सल्ट ब्लॉक में वन विभाग की लापरवाही एक बड़े हादसे को दावत दे रही है। विभाग ने जंगलों से निकाला गया लाखों रुपये का क्िवटलों लीसा विश्राम गृह मानिला के आसपास खुले में रखा हुआ है। लेकिन सालों बाद भी अधिकारियों ने इसे सुरक्षित स्थान पर रखने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की।

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वन महकमा हर साल लीसा दोहन की जिम्मेदारी निविदा के माध्यम से ठेकेदारों को देता है। इसके बाद ठेकेदार लीसा निकालकर उसे वन विभाग के मोटर मार्गो पर स्थित डिपो तक पहुंचाते हैं। लेकिन सल्ट ब्लॉक में डिपो में जगह न होने के कारण विभाग के अधिकारियों ने उसे मानिला में स्थित वन विश्राम गृह के पास खुले में रखवा दिया है। पिछले दो तीन सालों से लीसे के सैंकड़ों टिन यहां पड़े हुए हैं। लेकिन खतरे की जानकारी होने के बाद भी इन्हें यहां से नहीं हटाया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि फायर सीजन में खुले में रखा यह लीसा किसी बड़े हादसे को दावत दे सकता है। जबकि विश्राम गृह में आए दिन इधर- उधर से आने वाले सैलानी और अधिकारी भी रूकते हैं। ऐसे में जरा सी चूक होने पर बारूद का यह ढेर बड़े हादसे का सबब बन सकता है।

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तस्करों के मुफीद साबित हो रही लापरवाही

वन विभाग द्वारा बरती जा रही लापरवाही लीसा तस्करों के लिए मुफीद साबित हो रही है। दरअसल मानिला वन विश्राम गृह में देखरेख के लिए एक दो कर्मचारी ही तैनात किए हैं। उन्हीं के ऊपर लीसे की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी है। लेकिन संसाधन विहीन कर्मचारियों के लिए यह कार्य संभव नहीं है। ऐसे में तस्कर विभाग की आंखों में धूल झोंककर लीसा चोरी कर उसे औने- पौने दामों में बाजार में बेच दे रहे हैं। मानिला में रखे गए इस लीसे की कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है।

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बाजार में नहीं विभाग के लीसे की डिमांड

वन विभाग जिले के अलग- अलग डिपो में एकत्र लीसे को काठगोदाम स्थित डिपो में भेजता है। जहां उसकी नीलामी कर दी जाती है लेकिन बाजार में लीसे के दाम काफी कम होने के कारण वन विभाग का लीसा उद्यमियों को महंगा पड़ रहा है। इस कारण बाजार में वन विभाग के लीसे की डिमांड काफी कम हो गई है।

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विधानसभा में उठ चुका है मुद्दा

मानिला के वन विश्राम गृह के पास रखे गए लीसे का मुद्दा सल्ट के विधायक सुरेंद्र सिंह जीना विधानसभा सत्र में भी उठा चुके हैं। लेकिन इसके बाद भी विभाग इस लीसे को यहां से नहीं हटा पाया है। विभाग के सूत्रों की मानें तो सुरक्षित स्थान न मिल पाने के कारण विभाग के अब यह कार्य टेड़ी खीर साबित हो रहा है।

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मानिला वन विश्राम गृह के पास रखे गए लीसे को हटाने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है। ट्रकों के माध्यम से इस लीसे का ढुलान हल्द्वानी स्थित डिपो में कराया जा रहा है। शीघ्र ही विश्राम गृह परिसर से लीसे को हटा लिया जाएगा।

-राजेश जोशी, रेंजर जौरासी रेंज


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