Move to Jagran APP

जिला मुख्यालय के क्वारंटाइन सेंटर में खामियां 

कोरोना को हराने के लिए भले ही पुख्ता इंतजाम किए जाने की बातें कहीं जा रही हों लेकिन सच्चाई उलट है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 May 2020 10:46 PM (IST)Updated: Sun, 17 May 2020 06:12 AM (IST)
जिला मुख्यालय के क्वारंटाइन सेंटर में खामियां 
जिला मुख्यालय के क्वारंटाइन सेंटर में खामियां 

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : वैश्विक महामारी कोरोना को परास्त करने के लिए लॉकडाउन, सावधानी व साफ सफाई ही फिलहाल एकमात्र हथियार है। दूसरा नियमों का ईमानदारी से पालन। मगर इन्हीं कुछ खास मोर्चों पर लापरवाही बरती जाय तो सवाल उठने लाजिमी हैं।'जागरण'ने जिला मुख्यालय स्थित क्वारंटाइन सेंटर का जायजा ले हकीकत परखी तो खामियां भी उजागर हुई। यहां केंद्रीय गृह मंत्रालय व विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से निर्धारित आदर्श क्वारंटाइन सेंटर के मानकों की अनदेखी नजर आई।

prime article banner

नगर क्षेत्र से लगे डायट में स्थापित क्वारंटाइन सेंटर में अभी दिल्ली से पहुंचे एक प्रवासी शोबन सिंह को रखा गया है। शनिवार को'जागरण टीम'ने क्वारंटाइन किए गए प्रवासी से कुशलक्षेम जानी। और जाना आदर्श क्वारंटाइन सेंटर के अनुरूप नियमों के पालन व सुविधाओं की वास्तविकता।

=

सफाई की अनदेखी न पड़ जाय भारी

दिल्ली से पहुंचा प्रवासी यहां पिछले आठ दिनों से सेंटर में रह रहा। बकौल प्रवासी, जब से वह यहां आया है टॉयलेट की सफाई नहीं हुई है। उसके बगल वाले कमरे में पहले भी कुछ लोगों को एहतियातन रखा गया होगा। वहां भी बहुत गंदगी है। अपने कमरे की सफाई क्वारंटाइन पर रखा युवक खुद कर रहा।

=

आठ दिन में तीन बार स्वास्थ्य परीक्षण

केंद्रीय गृह मंत्रालय के मानकों पर गौर करें तो आदर्श क्वारंटाइन सेंटर में रखे व्यक्ति की निरंतर देखभाल होनी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार मॉनिटरिग करेगी। मगर डायट में रखे प्रवासी का अब तक केवल तीन दिन ही केवल स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। स्वास्थ्य कर्मी आ भी नहीं रहे।

=

पेयजल आपूíत तक नहीं

डायट संस्थान में बने सेंटर में पीने की आपूíत भी नियमित नहीं हो रही। यहां पुलिस कर्मी व होमगार्ड का सिपाही बाहर से पानी ढोकर लाते हैं।

=

क्वारंटाइन प्रवासी को सुबह व शाम सात बजे दो बार भोजन दिया जा रहा। उसने बताया कि पूड़ी व सब्जी उसे दी जा रही। एक ही थैली में पूड़ी व सब्जी पैक कर लाई जाती है। इसे खाने में परेशानी हो रही। प्रवासी ने कहा कि सब्जी व पूड़ी अलग से दी जाय तो ठीक रहे।

=

सेनिटाइजेशन तक नहीं

क्वारंटाइन सेंटर जहां बना है, उस परिसर को नियमत: रोज सेनिटाइज किया जाना चाहिए। मगर यहां बीते आठ दिनों से इस क्षेत्र को सेनिटाइज करने की जरूरत तक नहीं समझी जा रही।

=

पुलिस व होमगार्ड मुस्तैद

क्वारंटाइन सेंटर में पुलिस कर्मी व होमगार्ड के सिपाही बारी बारी 24 घंटे ड्यूटी दे रहे।

=

ऐसा होना चाहिए आदर्श क्वारंटाइन सेंटर

= क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए लोगों के बीच कम से कम एक मीटर की दूरी होनी चाहिए।

= रहने के साथ-साथ निजी शौचालय की व्यवस्था या अलग-अलग रुम की व्यवस्था हो।

= स्वच्छता का विशेष ध्यान, पूरे परिसर नियमित सेनिटाइज होना चाहिए।

= सफाई व स्वास्थ्य कर्मचारियों की 24 घंटे ड्यूटी होनी चाहिए।

= सुबह नाश्ता, दोपहर व शाम सामान्य भोजन और शुद्ध पेयजल का प्रावधान हो।

= क्वारंटाइन व्यक्ति के लिए सोने के लिए चारपाई या गद्दे की पर्याप्त व्यवस्था हो।

= गर्मी में बिजली, पंखा व कूलर वाले स्थानों को ही सेंटर बनाया जाय।

= क्वारंटाइन किए गए लोगों की स्वास्थ्य विभाग की टीम निरंतर निगरानी करे।

= सर्दी खांसी बुखार होने पर उसकी रैपिड किट से जांच होनी चाहिए।

= सेंटर में जो भी डिस्पोजल सामग्री हो, सुरक्षित निष्पादन व निस्तारण।

=

क्वारंटाइन सेंटर सभी व्यवस्थाओं कर जिम्मेदारी संस्था के प्राचार्य है। अव्यवस्थाओं के लिए संस्था के प्रधानाचार्य को निर्देशित किया जाएगा। जहां तक सेनिटाइजेशन का सवाल है सेंटर में पालिका की टीम को वहां भेजा जाएगा। क्वारंटाइन सेंटर में जिस व्यक्ति को रखा गया है उसमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं मिले हैं। लेकिन एहतियात के रूप में उसे क्वारंटाइन किया गया है।

सीमा विश्वकर्मा, एसडीएम सदर, अल्मोड़ा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.