अल्मोड़ा के स्याहीदेवी वन क्षेत्र में लगी आग
फायर सीजन में लपटों ने वन विभाग की चुनौती बढ़ा दी है। जैव विविधता के लिहाज से प्रसिद्ध स्याहीदेवी वन क्षेत्र पिछले 24 घंटे से धधक रहा है। दक्षिणी ढाल पूरी तरह खाक हो चुका।
रानीखेत, अल्मोड़ा [जेएनएन]: फायर सीजन में लपटों ने वन विभाग की चुनौती बढ़ा दी है। जैव विविधता के लिहाज से प्रसिद्ध स्याहीदेवी वन क्षेत्र पिछले 24 घंटे से धधक रहा है। दक्षिणी ढाल पूरी तरह खाक हो चुका।
चूंकि कुमाऊं के चुनिंदा मिश्रित जंगलात में शुमार स्याहीदेवी वन क्षेत्र जीवनदायिनी कोसी नदी के प्रमुख रिचार्ज जोन में शुमार है। इस वन क्षेत्र से कोसी के सैकड़ों जलधारे भी निकलते हैं। ऐसे में इस जंगलात में वनाग्नि का बेकाबू होना गैरहिमानी कोसी नदी के लिए भी खतरे का संकेत है।
फिलहाल, लपटों के अनियंत्रित रूप से फैलते जाने से अब तक लाखों की वन संपदा नष्ट हो चुकी है। वहीं जलस्रोतों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगा है। रेंज अधिकारी संचिता वर्मा के अनुसार आसपास के बीट वॉचर भी स्याही देवी क्षेत्र में.बुलवा लिए गए हैं।
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