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20 हेक्टेयर वन क्षेत्र में आग से भारी नुकसान

तपिश बढ़ने के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में वनाग्नि झुलसाने लगी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Apr 2021 11:12 PM (IST)Updated: Sun, 04 Apr 2021 11:12 PM (IST)
20 हेक्टेयर वन क्षेत्र में आग से भारी नुकसान
20 हेक्टेयर वन क्षेत्र में आग से भारी नुकसान

संसू, भिकियासैंण (अल्मोड़ा) : तपिश बढ़ने के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में वनाग्नि झुलसाने लगी है। हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं। आलम यह है कि बीते अक्टूबर से अप्रैल पहले सप्ताह तक करीब 250 हेक्टेयर जंगल को नुकसान पहुंचा है। इधर आग से अब तक अछूता चौनलिया व पीपलमंडी के बीच हऊली वन क्षेत्र भीषण आग की चपेट में आ गया। आसमान छूती लपटें भतरौजखान स्टेट हाईवे तक पहुंच गई। पूरा इलाका धुंए के आगोश में आ गया है।

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रविवार को चौनलिया क्षेत्र में हऊली व पीपलमंडी के बीच घाटी क्षेत्र में भडंकी चिंगारी ने पूरे चीड़ बहूल जंगल को आगोश में ले लिया। देखते ही देखते बेकाबू लपटें भिकियासैंण-भतरौजखान राजमार्ग तक पहुंच गई। हवा की रफ्तार तेज होने से आसमान छूती लपटों ने स्टेट हाईवे को पार कर ऊपरी भूभाग के मिश्रित वन क्षेत्र को भी चपेट में ले लिया। शाम तक आग लगभग बीस हेक्टेयर से अधिक जंगल को चपेट में ले चुकी थी। उधर भिकियासैंण-विनायक मोटरमार्ग पर सिनार के पास कमराड़-बहेड़ा का जंगल भी धधक उठा। ग्रामीणों ने दिनभर मशक्कत के बाद लपटों पर काबू तो पा लिया पर हवा तेज होने से मुश्किल पैदा हो रही थी।

खेतों में खरपतवार जलाने से जल रहे जंगल

जंगलात से सटे गावों में खेतों के किनारे खरपतवार जलाने से हालात बिगड़ रहे हैं। धारण गाव के खेतों से भडंकी चिंगारी ने तेज हवा के बीच वन क्षेत्र को चपेट में ले लिया। हालाकि वन कर्मियों ने आग पर समय रहते काबू पा लिया। वन क्षेत्राधिकारी धीरज जोशी ने ग्रामीणों से खेतों में खरपतवार न जलाने की अपील करते हुए वनाग्नि पर नियंत्रण में जनसहयोग मागा।


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