आंदोलनकारियों को उठाने पहुंचे कोतवाल से तीखी तकरार
अल्मोड़ा में आशादेवी प्रकरण ने फिर तूल पकड़ लिया है। अस्पताल में प्रदर्शकारियों और पुलिस की झड़प हुई।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : आशादेवी प्रकरण ने फिर तूल पकड़ लिया है। चार दिनों से जिला चिकित्सालय में धरने पर डटे युवा जनसंघर्ष मंच के सदस्यों को उठाने पहुंचे पुलिस कर्मियों से तीखी तकरार हुई। एसडीएम सीमा विश्वकर्मा ने मौके पर पहुंचकर 15 सितंबर तक जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपने का भरोसा दिलाया। ऐसे में धरना स्थगित कर दिया गया। अलबत्ता वादाखिलाफी पर दोबारा धरना व अनशन की चेतावनी भी दी गई।
20 अगस्त को कटारमल निवासी आशादेवी ने उपचार के अभाव में दम तोड़ दिया था। वह पांच माह के गर्भ से थी। इधर, जांच व कार्रवाई में देरी पर युवा जनसंघर्ष मंच संयोजक मनोज बिष्ट समर्थकों के साथ जिला चिकित्सालय में धरने पर बैठ गए। गुरुवार को चौथे दिन कोतवाल हरेंद्र चौधरी उन्हें उठाने पहुंचे। इस पर मामला गरमा गया। दोनों पक्षों में तीखी तकरार हुई। मंच संयोजक ने प्रशासनिक अधिकारियों के न पहुंचने पर अनशन की चेतावनी दे डाली। बाद में एसडीएम ने आश्वस्त किया कि 15 सितंबर तक जांच रिपोर्ट डीएम को दे दी जाएगी। तब धरना स्थगित कर दिया गया। पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक, केंद्रीय संयोजक उपपा पीसी तिवारी, राजीव गांधी फाउंडेशन जिला संयोजक प्रदीप अमर बिष्ट, गिरीशनाथ गोस्वामी आदि ने समर्थन दिया। सायं इसी मसले पर चौक बाजार में राज्य सरकार का पुतला भी फूंका गया। धरना-प्रदर्शन में आशुतोष पवार, मोहित मिश्रा, दीपचंद्र जोशी, फैजान खान, हरीश बौनौला, दीपक मेहता, राहुल बिष्ट, सुमित टम्टा, दिलजीत सिंह, महेंद्र सिंह रावत, प्रताप नैनवाल, रिंकू गुप्ता, मनीष मल्होत्रा, अमजद जाहिद, राकेश बिष्ट, राजेंद्र तिवारी, अमन अंसारी, रोहित शैली, सुरेंद्र चंद्र, रचित पाडे, सार्थक साह, अख्तर हुसैन, कुमुद साह, महेश कुमार, परवेज कुरैशी, पवन नेगी, सूरज जमीवाल आदि रहे। ==