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लौह हल लेकर पर्यावरण प्रेमियों की पदयात्रा-2018 पहुंची गढ़वाल

वनों का कटान रोकने के मकसद से लकड़ी का ठोस विकल्प लौह हल ले कर पर्यावरण प्रेमियों की पदयात्रा-2018 गढ़वाल पहुंच गई है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 17 Mar 2018 06:14 PM (IST)Updated: Sun, 18 Mar 2018 10:51 AM (IST)
लौह हल लेकर पर्यावरण प्रेमियों की पदयात्रा-2018 पहुंची गढ़वाल
लौह हल लेकर पर्यावरण प्रेमियों की पदयात्रा-2018 पहुंची गढ़वाल

रानीखेत, अल्‍मोड़ा [जेएनएन]: वनों का कटान रोकने के मकसद से लकड़ी का ठोस विकल्प लौह हल ले कर पर्यावरण प्रेमियों की पदयात्रा-2018 गढ़वाल पहुंच गई है। वन व पर्यावरण बचाने के लिए सीपी भट्ट सेंटर फॉर इन्वायरनमेंट एंड डेवलपमेंट गोपेश्वर (गढ़वाल) की दिलचस्पी शीतलाखेत स्थित कार्यशाला से 120 हलों की खेप किसानों के लिए पहुंचा दी गई है। अबकी लौह निर्मित हलों के साथ विशेष धातु से निर्मित नई फाल भी दी गई हैं।

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सीपी भट्ट सेंटर फॉर इन्वायरनमेंट एंड डेवलपमेंट की ओर से पिछले पांच सालों से चमोली जनपद के पोखरी व दसौली विकासखंडों के 21 से अधिक गांवों में महिला समूहों को निशुल्क हल बांटें जा रहे हैं। इससे हर साल सैकड़ों की संख्या में बांज, मेहल, सानण आदि के वयस्क पेड़ों को हल आदि कृषि उपकरणों के निर्माण को कटने से बचाने में कुछ हद तक मदद भी मिली है।

चिपको आंदोलन से जुड़े प्रसिद्ध पर्यावरणविद चंडी प्रसाद भट्ट ने भी माना है कि लौह हल के प्रचलन में आने से बांज आदि बहुपयोगी पेड़ों का कटान रुकने तथा जल स्रोतों, जैवविविधता के संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। दल में जल जंगल बचाने को कार्य कर रहे स्याही देवी विकास मंच के गजेंद्र पाठक आदि शामिल रहे।

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