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बोनस की मांग को अड़े पर्यावरण मित्र

संवाद सहयोगी रानीखेत दीपावली पर्व पर बोनस न दिए जाने से नाराज उत्त्तराखंड कल्याणकारी बाल्मीकि

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 05:17 PM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 05:17 PM (IST)
बोनस की मांग को अड़े पर्यावरण मित्र
बोनस की मांग को अड़े पर्यावरण मित्र

संवाद सहयोगी, रानीखेत : दीपावली पर्व पर बोनस न दिए जाने से नाराज उत्त्तराखंड कल्याणकारी बाल्मीकि महासंघ ने छावनी परिषद व ठेकेदार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गांधी पार्क में धरना प्रदर्शन कर मांगें न माने जाने तक कार्य न करने की चेतावनी दे डाली। इधर उपाध्यक्ष कैंट बोर्ड संजय पंत व ब्लाक प्रमुख हीरा रावत ने कर्मचारियों से वार्ता कर उनको हक दिलाने का भरोसा दिया।

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बोनस की एक सूत्रीय मांग को लेकर छावनी क्षेत्र के पर्यावरण मित्र शुक्रवार को गांधी पार्क में धरने पर बैठे। वक्ताओं ने कैंट प्रशासन व ठेकेदार पर कर्मचारियों के उत्पीड़न का आरोप लगाया। कहा दीपावली पर उन्हें बोनस का भुगतान नहीं करके ठेकेदार मनमानी पर उतर आया है। पर्यावरण मित्रों ने दो टूक चेतावनी दी जब तक मांग नहीं मानी जाएगी आंदोलन जारी रहेगा। इधर पर्यावरण मित्रों के आंदोलन स्थल पर पहुंच कर ब्लाक प्रमुख हीरा रावत व उपाध्यक्ष कैंट बोर्ड संजय पंत ने कर्मचारियों से वार्ता की। साथ ही उनको उनका हक दिलाने का भरोसा दिया। प्रदर्शन करने वालों में महासंघ अध्यक्ष जगदीश राम, किशोर कुमार, रोहित बाल्मीकि, लल्लन कुमार, मनोज कुमार व सुरेश आदि मौजूद रहे।

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क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था जल्द हो बहाल

अल्मोड़ा : उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी प्रकोष्ठ ने क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था बहाल किए जाने की मांग उठाई है। संगठन ने कहा है कि यदि प्रकोष्ठ की लंबित समस्याएं जल्द हल नहीं की गई तो संगठन आंदोलन करने को बाध्य होगा। संगठन के संयोजक महेश परिहार ने कहा है कि प्रकोष्ठ लंबे अर्से से राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान एक दिन भी जेल में रहे आंदोलनकारियों को राज्य आंदोलनकारी का दर्जा दिए जाने, चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों को राज्य सेनानी का दर्जा दिए जाने, उत्तराखंड राज्य से बहार भी आंदोलनकारियों को मुफ्त बस सेवा का लाभ दिए जाने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इन समस्याओं के निराकरण की दिशा में कारगर उपाय नहीं किए गए तो संगठन उग्र आंदोलन की रूपरेखा बनाने को बाध्य होगा। परिहार ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि राज्य आंदोलनकारियों के हितों की अनदेखी किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


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