पहाड़ के जिलों में खत्म हो जिला विकास प्राधिकरण व्यवस्था
संवाद सहयोगी अल्मोड़ा पहाड़ की विषम भौगोलिक परिस्थिति के मद्देनजर जिला विकास प्राधिकर
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : पहाड़ की विषम भौगोलिक परिस्थिति के मद्देनजर जिला विकास प्राधिकरण के तय मानक यहां के लिए उचित नहीं हैं। इसलिए पहाड़ के जिलों में जिला विकास प्राधिकरण की व्यवस्था को तत्काल समाप्त किया जाना चाहिए। यह बात सर्वदलीय संघर्ष समिति की ओर से यहां पालिका सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में वक्ताओं ने कही। कहा कि जन विरोधी प्राधिकरण व्यवस्था के विरोध में 25 फरवरी को सर्वदलीय संघर्ष समिति के तत्वावधान में विशाल रैली निकाली जाएगी।
समिति ने जिला विकास प्राधिकरण के विरोध में चल रहे संघर्ष को एक वर्ष पूरा होने के मौके पर आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि प्राधिकरण के मानक पहाड़ के संदर्भ में उचित नहीं है। इसलिए यह व्यवस्था पहाड़ में समाप्त की जानी चाहिए। वक् ताओं का कहना था कि विकास प्राधिकरण के तहत भवन निर्माण को नक्शा पास कराने में जनता का अत्यधिक समय जाया हो रहा है। वहीं धन भी ज्यादा खर्चा हो रहा है। इतना ही नहीं नगर पालिका की ओर से पूर्व में जो मानचित्र स्वीकृत किए गए थे, उन पर भी प्राधिकरण की ओर से हस्तक्षेप किया जा रहा है। वक्ताओं का कहना था कि पहाड़ में वैसे ही लोगों के पास जमीन कम होती है, ऐसे में प्राधिकरण के मानक उन पर थोपना कतई उचित नहीं है।
सर्वदलीय संघर्ष समिति के संयोजक पालिकाध्यक्ष प्रकाश जोशी ने प्राधिकरण की व्यवस्था लागू करने को संविधान के नियमों का उल्लंघन बताया। कहा कि सरकार हठधर्मिता का परित्याग कर जनहितों के लिए प्राधिकरण की व्यवस्था पहाड़ में समाप्त करे। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने जल्द इस मामले पर सुध नहीं ली तो सर्व दलीय संघर्ष न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी। उन्होंने कहा ग्रामीण क्षेत्रों से भी समिति के आंदोलन को व्यापक समर्थन मिल रहा है।
पत्रकार वार्ता को अर्बन कोआपरेटिव बैंक के अध्यक्ष आनंद सिंह बगड्वाल, उक्रांद के महेश परिहार, उत्तराखंड लोक वाहिनी के पूरन तिवारी, पूर्व सैनिक लीग के पूर्व अध्यक्ष पीजी गोस्वामी, पूर्व विधायक मनोज तिवारी आदि ने संबोधित किया।