अल्मोड़ा में वेतन कटौती पर भड़के डॉक्टर
अल्मोड़ा में कोरोनाकाल में वेतन काटने पर चिकित्सक भड़क उठे हैं। बुधवार को प्रदर्शन किया गया।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : कोरोनाकाल में वेतन काटने पर चिकित्सक भड़क उठे हैं। बुधवार को काली पट्टी बांध जिला चिकित्सालय में राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उधर, कोविड-19 हॉस्पिटल बेस चिकित्सालय में तैनात चिकित्सकों ने भी प्रोत्साहन राशि न देने पर नारेबाजी की। इसे उत्पीड़न करार देते हुए कहा कि सात सितंबर तक सभी चिकित्सक विरोध स्वरूप काली पट्टी बाध कार्य करते रहेंगे। फिर भी सुनवाई न हुई तो कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया जाएगा।
प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के आह्वान पर बुधवार को चिकित्सक विरोध- प्रदर्शन पर उतर आए। जिला चिकित्सालय में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए सभा हुई। चिकित्सकों ने कहा कि कोरानाकाल में डॉक्टर जान जोखिम में डाल सेवा दे रहे हैं। इसके बावजूद उनका प्रत्येक माह एक दिन का वेतन काटा जा रहा है। कटौती को बंद कर प्रोत्साहन राशि का भुगतान करने की मांग की।
इसके अलावा पीजी अध्ययनरत चिकित्सकों को पूर्ण वेतन संबंधी शासनादेश लागू करने, चिकित्सालयों में प्रशासनिक हस्तक्षेप पर रोक, जसपुर विधायक आदेश चौहान पर कार्रवाई आदि मुद्दे भी उठाए। प्रदर्शन में संघ अध्यक्ष डॉ. एचसी गढ़कोटी, डॉ. दीपाकर डेनियल, डॉ. पीके मेहता, डॉ. सीएस मारछा, डॉ. पीडी पंगरिया, डॉ. आरएस भौंत, डॉ. जेएस मपवाल, डॉ. अरविंद पागती, डॉ. नरेश प्रहरी, डॉ. राहुल प्रधान, डॉ. बृजमोहन जोशी, डॉ. रेनू राणा, डॉ. कमलेश जोशी, डॉ. तृप्ता, डॉ. कमल, डॉ. हेमा रावत, डॉ. रवि सैनी, डॉ. प्रवीन लसपाल, डॉ. कुसुमलता, डॉ. पीएस टाकुली, डॉ. अखिलेश, डॉ. बीबी जोशी आदि रहे।
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सामूहिक त्यागपत्र की चेतावनी
चिकित्सकों ने कहा कि अस्पतालों में रोगियों की मृत्यु होने पर विभागीय व प्रशासनिक जाच में किसी न किसी डॉक्टर को दोषी ठहरा दिया जाता है, जो कतई गलत है। उन्होंने शासन व निदेशालय को सात सितंबर तक की मोहलत देते हुए चेताया कि मांगें न मानी गई तो कार्य बहिष्कार तथा जरूरत पड़ने पर सामूहिक त्यागपत्र भी दिए जाएंगे।
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