मतभेद के रास्तों ने दूर की सड़क
ग्रामीण विकास के प्रति तंत्र कितना संवेदनशील है इसकी बानगी बना है बग्वालीपोखर मेल्टा गांव जहां स्वीकृत हुई सड़ गांव से दूर बना दी गई।
संवाद सहयोगी, द्वाराहाट : ग्रामीण विकास के प्रति तंत्र कितना संवेदनशील है, इसकी बानगी बना है बग्वालीपोखर मेल्टा मल्ली मिरई मोटरमार्ग। सर्वे में कुछ खेतों के आने पर ग्रामीणों का विभाग से मतभेद हुआ तो इसका हल निकालने के बजाय सड़क को ही गांव से डेढ़ किमी दूर खिसका दिया। सड़क सुख से वंचित लोगों ने अब जंग करने का ऐलान किया है।
बग्वालीपोखर से मेल्टा होकर मल्ली मिरई मोटरमार्ग का मामला करीब दो दशक पुराना है। विभागीय व ग्रामीणों के मतभेद के कारण इस मार्ग में अड़चनें बहुत आईं। बाद में लोनिवि ने इस पर कार्य शुरू कर हल्का वाहन मार्ग (एलवीआर) का निर्माण किया। ग्रामीणों की माग पर इसे भारी वाहन मोटरमार्ग में तब्दील कर निर्माण की जिम्मेदारी 2016-17 में पीएमजीएसवाइ को सौंपी गई। इसके बाद भी सड़क को स्वीकृत एलाइनमेंट से न ले जाकर पुरानी सर्वे के आधार पर ही काम शुरू हो गया। इस कारण मेल्टा गाव से सड़क की दूरी अभी भी डेढ़ किमी से अधिक है। इस कारण मेल्टा के ग्रामीणों में रोष है। मामले में ग्रामप्रधान प्रमोद जोशी का कहना है कि पहले विभागीय हीलाहवाली के कारण सर्वे ही गलत की गई। गाव के लिए संपर्क मोटरमार्ग के निर्माण पर सभी सहमत हो गए। विभाग मेल्टा को छोड़ कटान का कार्य पूरा कर चुका है। मगर मेल्टावासी अभी भी सड़क की बाट जोह रहे हैं। उन्होंने बताया कि विभाग के अनुसार उनके पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। कहा कि मामले में क्षेत्रीय विधायक महेश नेगी से भी वार्ता की गई। मगर अभी तक मामला जस का तस पड़ा हुआ है। उन्होंने चेतावनी दी कि मेल्टा के लिए शीघ्र संपर्क मोटरमार्ग नही बनाया गया तो ग्रामीण आदोलन के लिए बाध्य होंगे।
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'लोनिवि से हमें 2016-17 में हल्का वाहन मोटरमार्ग मिला। इसे हमने भारी वाहन मार्ग में बदलकर अंत में करीब दो किमी कटान किया है। स्वीकृत एलाइनमेंट के आधार पर ही काम हुआ है। पीएमजीएसवाइ के मानकों में डेढ़ किमी क्षैतिज दूरी वाले गाव आच्छादित माने जाते हैं। इस कारण मेल्टा भी सड़क मार्ग से जुड़ चुका है।
-हरीश चंद्र भट्ट, एई पीएमजीएसवाई'