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शिव सुमिरन जिन जाना, ते नर ब्रह्म समाना

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : पौष माह शुरू होते ही पहाड़ में जगह-जगह बैठकी होली की महफिल सजने लगी हैं। नगर

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Dec 2017 06:13 PM (IST)Updated: Mon, 18 Dec 2017 06:13 PM (IST)
शिव सुमिरन जिन जाना, ते नर ब्रह्म समाना
शिव सुमिरन जिन जाना, ते नर ब्रह्म समाना

संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : पौष माह शुरू होते ही पहाड़ में जगह-जगह बैठकी होली की महफिल सजने लगी हैं। नगर समेत ग्रामीण अंचलों में देर रात्रि तक बैठकी होली गीतों का गायन किया जा रहा है। सोमवार को त्रिपुरा सुंदरी नवयुवक कला केंद्र तथा अन्य संस्थाओं में बैठकी होली गायन का आयोजन किया गया। यहां होल्यारों ने गणपति को भज लीजे, शिव सुमिरन जिन जाना, ते नर ब्रह्म समाना, मन से राम क्यों भुलाया, कहत निषाध सुनो रघुनंदन, नाथ ना लूं तुमसे उतराई समेत अनेक भक्तिपरख होली गीतों का गायन किया। उधर रानीधारा स्थित गोविंदाश्रम, सांस्कृतिक व साहित्यिक संस्था हुक्का क्लब लक्ष्मी भंडार तथा विकास खंड भैसियाछाना के बाड़ेछीना में भी बैठकी होली गीतों का उत्साहपूर्वक गायन किया गया। इस दौरान अनिल सनवाल, शिव चरण पांडे, हेम तिवारी, हरीश जोशी, शैलेंद्र पांडे, धीरेंद्र कुमार, जीवन जोशी, दीप जोशी, जगत जोशी, शेखर पांडे, कमल पंत, मनीष जोशी, हरीश जोशी, संजय जोशी, कमल पांडे आदि मौजूद थे। गौरतलब है कि पहाड़ में बैठकी होली गायन का क्रम पौष माह के पहले रविवार से शुरू हो चला है, अब यह क्रम होली टीके तक जारी रहेगा।


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