यात्रियों की जान बचाने को बने क्रश बैरियर खुद बेजान
आपदा मद में लोक निर्माण विभाग ने पुनर्निर्माण कार्यो के लिए शासन को 15 करोड़ रुपये का एस्टीमेट भेजा था। मगर रानीखेत क्षेत्र की सड़कों के उद्धार को धेला तक नहीं मिला।
संस, रानीखेत : पहाड़ में सुरक्षित सफर को बने क्रश बैरियर खुद की सुरक्षा को तरस रहे हैं। तीन माह पूर्व आपदा में ध्वस्त सड़कों के किनारे हवा में लटके सुरक्षा इंतजाम तंत्र की सुस्ती पर भी सवाल उठा रहे हैं। उस पर बजट के अभाव ने रही सही कसर पूरी कर दी है। आलम यह है कि आपदा मद में लोक निर्माण विभाग ने पुनर्निर्माण कार्यो के लिए शासन को 15 करोड़ रुपये का एस्टीमेट भेजा था। मगर रानीखेत क्षेत्र की सड़कों के उद्धार को धेला तक नहीं मिला।
ताड़ीखेत ब्लाक के सुदूर गांवों को जोड़ने वाले भुजान रिची बिल्लेख रोड पर सफर खतरनाक होता जा रहा है। पहले ही संकरी सड़क बीते अक्टूबर में आपदा में ध्वस्त होने से जोखिम बढ़ गया है। क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण पर बजट का ब्रेक लगने से सुरक्षित यातायात की उम्मीदों को झटका लग गया है। शासन ने रिची भुजान रोड के लिए बजट उपलब्ध न कराने से जगह जगह नेस्तनाबूद सुरक्षात्मक उपाय खुद ही खतरे से जूझ रहे हैं। पुनर्निर्माण को उठने लगी आवाज
मंडलकोट व विशालकोट क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधि अब मुखर होने लगे हैं। इसी सिलसिले में हुई बैठक में सामाजिक कार्यकर्ता रंजीत सिंह बिष्ट ने कहा कि कुछ दिन पूर्व विशालकोट निवासी ग्रामीण ध्वस्त सड़क से खाई में जा गिरा। हादसे में उसकी मौत हो गई। प्रधान मंडलकोट पंकज माहरा, अनीता बिष्ट नौघर, क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रतिनिधि प्रयाग राम आदि ने भी शासन ने रिची बिल्लेख रोड की मरम्मत को बजट मुहैया कराए जाने पर जोर दिया। इस दौरान दिनेश बिष्ट, सुरेंद्र सिंह करायत, देव सिंह, कुंदन सिंह, देवेंद्र सिंह, कैलाश सिंह, सुरेंद्र सिंह, श्याम सिंह, मंजीत सिंह, चंदन सिंह आदि हमने आपदा मद में 15 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा था। मलबा आदि हटाकर यातायात तो सुचारू करा दिया है, लेकिन बजट के अभाव में पुनर्निर्माण कार्य शुरू नहीं कराए जा सके हैं। केवल सल्ट ब्लाक क्षेत्र की ध्वस्त सड़कों के लिए 25 लाख रुपये मिले हैं।
- केएस बिष्ट, ईई, लोनिवि