बाइपास निर्माण की कवायद तेज
सामरिक महत्व वाले अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ हाईवे पर बहुप्रतीक्षित बाइपास निर्माण की तैयारी तेज हो गयी है।
संस, अल्मोड़ा : सामरिक महत्व वाले अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ हाईवे पर बहुप्रतीक्षित बाइपास निर्माण की तैयारी तेज हो गई है। ग्रामीणों की गांधीगीरी व 'दैनिक जागरण' के जनहित से जुड़े इस मुद्दे पर लगातार मुहिम चलाये जाने के बाद केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने चितई पंत तिराहे से पेटशाल तक वैकल्पिक सड़क को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। लोनिवि अब वन भूमि के पेंच से अधूरी छोड़ दी गई वैकल्पिक सड़क की नये सिरे से डीपीआर बनाने में जुट गया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार छह किमी लंबे बाइपास के निर्माण में करीब सात करोड़ की लागत आएगी।
पिथौरागढ़ हाईवे पर चितई से पेटशाल के बीच डेंजर जोन कालीधार बैंड पर वर्ष 2004 से अब तक 40 लोग हादसे का शिकार हो चुके हैं। 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान वन मार्ग को आपातकाल में सड़क की शक्ल दी गई थी। मगर एलाइनमेंट ठीक न होने से तीखे ढलान वाले अंधे मोड़ जानलेवा साबित हुए तो स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बाइपास निर्माण की मांग उठाई। जनदबाव में छह किमी वैकल्पिक रोड को स्वीकृति मिली। 1.11 करोड़ से दो किमी तक बाइपास बना भी मगर राजनीति व वन भूमि का रोड़ा लगने से लोनिवि ने सड़क आधी अधूरी छोड़ दी।
इसके बाद मामला केंद्र तक पहुंचा। बीते पांच वर्षो से लगातार संघर्ष व गांधीगीरी के बीच 'दैनिक जागरण' ने हादसों की पुनरावृत्ति से बचने तथा चितई पंत व तिवारी गांव के साथ ही मैन्यूली, पातालद्यो के बाशिंदों को सड़क सुविधा के मसले को जोरशोर से उठाया। बीती 17 नवंबर को वन मंत्रालय ने एनएच अथारिटी की जनहित में दी गई टिप्पणी व जागरण की खबर का संज्ञान लेते हुए बाइपास को हरी झंडी दे दी।
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सांसद ने विभागीय अधिकारियों को दिए दिशा निर्देश
सासद अजय टम्टा ने बुधवार को वन क्षेत्राधिकारी संचिता वर्मा व अवर अभियंता लोनिवि किशोर पटवाल के साथ अधूरे छोड़े गए बाइपास का स्थलीय निरीक्षण किया। कहा कि वर्ष 2004 में स्वीकृत बाइपास को भारत सरकार की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। उन्होंने नोडल वन विभाग व लोनिवि अधिकारियों से औपचारिकताएं पूरी करने को कहा। कहा कि क्षतिपूरक बजट की व्यवस्था भी कराई जा रही है ताकि बाइपास निर्माण जल्द शुरू हो सके।
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एक और वैकल्पिक रोड को बनाएं प्रस्ताव
न्याय देवता गोलूदेव के मंदिर के पास ही आए दिन जाम की समस्या से निपटने को सांसद ने एक और वैकल्पिक रोड की जरूरत बताई। उन्होंने अधिकारियों से डानागोलू मंदिर से चितई मंदिर की पार्किग तक वैकल्पिक सड़क के लिए सर्वे कर प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश दिए। इस मौके पर जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष ललित लटवाल, पूर्व ब्लाक प्रमुख सूरज सिराड़ी भी मौजूद रहे।
======= चितई पेटशाल बाइपास की डीपीआर बनाकर जलद ही शासन को भेजेंगे। वन विभाग को क्षतिपूरक धनराशि का भुगतान किया जाना है। इसका आगणन तैयार किया जा रहा है। डीपीआर को मंजूरी मिलते ही शेष छह किमी वैकल्पिक रोड का निर्माण शुरू करा देंगे।
- किशोर पटवाल अवर अभियंता लोनिवि'