रानीखेत के पास स्टेट हाईवे पर गिरा चीड़ का जलता पेड़
रानीखेत तहसील अंतर्गत ताड़ीखेत में जंगलों की आग से जलते पेड़ अब मोटर मागरें पर गिरने से खतरा बन गए हैं।
संस, ताड़ीखेत (रानीखेत) : जंगलों की आग से अब जलते पेड़ मोटर मागरें पर गिरने से खतरा कई गुना बढ़ गया है। रामनगर-रानीखेत स्टेट हाईवे पर रिची के समीप चीड़ के जलते पेड़ के गिरने से आवाजाही ठप हो गई। करीब दो घटे बाद आवाजाही बमुश्किल सुचारू हुई। हालांकि बड़ा हादसा टल गया।
बुधवार को रामनगर-रानीखेत स्टेट हाईवे पर रिची के समीप जंगल से जलता हुआ चीड़ का पेड़ स्टेट हाईवे के बीचोंबीच आ गिरा। संयोगवश पेड़ की चपेट में आवाजाही कर रहा कोई वाहन नहीं आया और बड़ा हादसा टल गया। पेड़ के गिरते ही स्टेट हाईवे पर आवाजाही ठप हो गई। दोनों और वाहनों की लंबी कतार लग गई। क्षेत्र से मरीज को ला रहा आपातकालीन 108 वाहन भी जाम में फंस गया। आपातकालीन 108 सेवा के कर्मचारियों ने अपनी जान जोखिम में डाल मरीज को स्ट्रेचर पर रख बमुश्किल पेड़ से पार कराने के बाद दूसरे 108 वाहन से हायर सेंटर हल्द्वानी रेफर भेजा। बाद में स्टेट हाईवे पर पहाड़ी से पत्थर भी गिरने लगे। यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लोडर की मदद से जलते पेड़ को हटाया गया। तब जाकर बमुश्किल करीब दो घटे बाद हाईवे पर यातायात सुचारू हुआ।
घटनाएं थम नहीं रही, वन संपदा राख
संस, चौखुटिया: बारिश न होने से जंगलों में आग की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। एक के बाद एक जंगलों का जलने का क्रम जारी है। ऐसे में लाखों की वन संपदा खाक हो चुकी है। इससे जल स्रोत सूख जाने से संकट और गहरा सकता है।
दो दिन पूर्व दिगौत, बोरागांव, बौनीगाड़ व पीपलधार समेत आसपास के गांवों से सटे जंगल जलकर राख हो गए। बुधवार को गनाई गांव से लगे जंगल में फिर आग धधक उठी। तेज हवाओं के चलते इस आग ने पूरे जंगल को चपेट में ले लिया। इससे पेड़ पौधे व घास आदि नष्ट हो गए हैं। पहले भी यहां आग लग चुकी है। कई अन्य जंगलों में भी आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं। वन कर्मियों के तमाम प्रयासों के बाद भी आग की घटनाओं पर काबू पाना मुश्किल हो रहा है।