संवाद सहयोगी, रानीखेत : प्रदेश में राजस्व विभाग का हाल भी अजब गजब है। ग्रामीण क्षेत्र की सुरक्षा के लिए तैनात राजस्व उपनिरीक्षकों के लिए लाखों की लागत से बनाई गई चौकियां देखरेख के अभाव में खस्ताहाल हैं। खाली पड़ी चौकियां अराजक तत्वों का अड्डा बन चुकी हैं।
राज्य गठन के बाद ग्रामीण क्षेत्रों की सुरक्षा का जिम्मा संभाले राजस्व उपनिरीक्षकों के लिए प्रदेश भर में राजस्व चौकियों का निर्माण किया गया। शुरुआती चरण में इन चौकियों में काम काज भी हुआ। मगर कुछ ही समय बाद अधिकांश चौकियां अनदेखी का शिकार हो गई। वर्तमान में कई गावों में स्थित पटवारी चौकियां रखरखाव के अभाव में खस्ताहाल हैं। चारों ओर उगी बड़ी बड़ी झाड़िया विभागीय अनदेखी की हकीकत बया कर रही हैं तो कई चौकियां क्षतिग्रस्त भी होने लगे हैं और अराजक तत्वों का अड्डा बनते जा रही हैं। ग्रामीणों का कहना है की लाखों रुपये खर्च कर सरकारी भवनों का निर्माण तो किया गया पर देखरेख के अभाव में यह भवन बदहाल हालत में पहुंच गए हैं। ग्रामीणों ने कानून के रखवालों के भवन की देखरेख को संबंधित विभाग से ठोस कदम उठाए जाने की माग की है।
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राजस्व उपनिरीक्षकों की कमी बना मुख्य कारण
गाव में स्थित कई पटवारी चौकियों के खस्ताहालत में पहुंच जाने का एक सबसे बड़ा कारण राजस्व उप निरीक्षकों की भारी कमी भी है। एक राजस्व उपनिरीक्षक पर तमाम गावों का जिम्मा है। ऐसे में राजस्व उपनिरीक्षक कहा जाएं यह बड़ी समस्या है। दूरदराज स्थित राजस्व चौकिया खस्ता हालत में पहुंच चुकी है जबकि रोड के किनारे स्थित पटवारी चौकियों की हालत आज ही ठीक है।
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कई पटवारी चौकिया दूरदराज में बनी हैं। राजस्व उपनिरीक्षकों की भारी कमी भी एक बड़ी समस्या है। जिस वजह से चौकियों की देखरेख नहीं हो पाती। प्रयास किया जाएगा कि पटवारी चौकियों को दुरूस्त किया जा सके। गंभीरता से कार्य करेंगे।
-विवेक राजौरी, नायब तहसीलदार
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