पशुपालन आर्थिकी सुधार का बेहतर माध्यम
संवाद सहयोगी, रानीखेत : पशुपालन व खेती को आजीविका का मुख्य साधन बनाने को लिए कोसी घाटी
संवाद सहयोगी, रानीखेत : पशुपालन व खेती को आजीविका का मुख्य साधन बनाने को लिए कोसी घाटी के सुयालबाड़ी में एक दिनी कार्यशाला हुई। विशेषज्ञों ने उन्नत नस्ल के पशु पालकर दुग्ध व्यवसाय को बढ़ावा देने तथा वैज्ञानिक विधि से खेती कर आर्थिकी मजबूत करने पर जोर दिया। साथ ही किसानों को पशु व फसल बीमा आदि की जानकारी देते हुए योजनाओं का लाभ लेने का आह्वान किया।
उत्तराखंड पर्वतीय आजीविका संवर्धन संस्था (उपासक) के तत्वाधान में साधन सहकारी समिति सुयालबाड़ी में एक दिनी कार्यशाला का शुभारंभ पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ. कमला बोरा ने किया। उन्होंने काश्तकारों से अच्छी नस्ल के पशु पालन कर स्वेत क्रांति में योगदान देने का आह्वान किया। कहा पशु पालन से जहां दुग्ध व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा वहीं काश्तकारों की आमदनी भी बढ़ेगी। उन्होंने पशुओं में होने वाले रोगों व उनके निदान के उपाय भी बताए। साथ ही समय समय पर पशुओं की जांच कराने का आह्वान किया। प्रबंधक जिला सहकारी बैंक विजय कुमार विद्यार्थी ने पशुपालन व खेती के लिए केंद्र व राज्य सरकार से मिलने वाली लाभकारी योजनाओं की जानकारी दी। साथ ही पशु बीमा, फसल बीमा तथा प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा आदि तमाम योजनाओं का लाभ उठाने का आह्वान किया। कार्यक्रम में संस्था के मान सिंह गुसांईं, शिवराज बिष्ट, राजेंद्र सिंह सिजवाली आदि ने भी विचार रखे।