Move to Jagran APP

यूएस आर्मी में पंजाबी बेटियों का जलवा

पंजाब की दो बेटियों बलरीत और जसमीत ने यूएस आर्मी में जलवा बिखेरा हुआ है। इन बहनों ने सभी महिलाओँ के लिए एक मिसाल कायम की है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 08:14 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 05:00 AM (IST)
यूएस आर्मी में पंजाबी बेटियों का जलवा
यूएस आर्मी में पंजाबी बेटियों का जलवा

रानीखेत, अल्मोड़ा[मनीष साह]: 1980 में जिस आतंकवाद का दंश झेल चंडीगढ़ (पंजाब) के खैरा परिवार को वतन छोड़ना पड़ा, आज उसी पिंड की दो बेटियां आतंकवाद के खिलाफ चलने वाले ऑपरेशन में शामिल होती हैं। दोनों सगी बहनें हैं और अमेरिकी फौज के लिए समर्पित व कर्तव्यनिष्ठ सैन्य अधिकारी हैं, मगर दोनों के दिल में हिंदुस्तान ही धड़कता है। एक बहन ऑपरेशन इराक में तो दूसरी अफगानिस्तान में महिला कमांडो के तौर पर दिलेरी दिखा चुकी हैं। 

loksabha election banner

यहां बात हो रही है, चंडीगढ़ सेक्टर-आठ निवासी मां सुखपाल व पिता सुरजीत सिंह खैरा की दो बेटियों जसमीत व बलरीत की। 1980 में जब आतंकवाद पंजाब में चरम की ओर बढ़ रहा था तब इस परिवार ने देश छोड़ दिया। हांगकांग में रिश्तेदारों के यहां बसे। आतंकवाद का सफाया होने पर देश लौटे। कारोबार नए सिरे से शुरू किया। इस बार संयुक्त युद्धाभ्यास के लिए लिए रानीखेत पहुंची बलरीत का जन्म 29 नवंबर 1988 को हुआ। 7वीं तक चंडीगढ़ में पढ़ी। 2001 में पिता ने रिश्तेदारों के पास अमेरिका भेज दिया। 2006 में बलरीत यूएस आर्मी में भर्ती हुई। 

अगले ही वर्ष 2007 से 2009 तक अमेरिकी इंफेंट्री यूनिट की ओर से पंजाब की इस बेटी ने ऑपरेशन इराक में अकेली महिला कमांडो के तौर पर जांबाजी के जलवे बिखेरे। यूएस आर्मी में स्टाफ सार्जेंट बलरीत रानीखेत के चौबटिया में तीसरी बार भारत व अमेरिका के संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास में पहुंची हैं। उन्हें अब तक छह युद्धाभ्यास का अनुभव हो चुका है। 

बलरीत की बड़ी बहन जसमीत भी अमेरिकी सेना में सार्जेंट हैं। जसमीत अफगानिस्तान में महिला कमांडो के तौर पर सेवा दे चुकी हैं। रानीखेत में 2016 के युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया था। इतना ही नहीं दोनों बहनें 2014 में एक साथ यहां युद्धाभ्यास का अनुभव ले चुकी हैं। इस बार बलरीत को मौका मिला है। 

बलरीत कड़ा पहनती हैं। कहती हैं 'पंजाबी जित्थे जांदे ने उत्थे अपणी पहचाण छड जांदे ने'। वह कहती है अमेरिकी सेना में पुरुष सैनिकों को सिख धर्म के अनुरूप पगड़ी, केश व दाड़ी रखने की अनुमति दी गई है। मगर वह चाहती हैं कि भारतीय महिलाएं दुनिया में हर क्षेत्र में अपनी काबिलियत के बूते अलग पहचान कायम करें। 

दीपावली में पंजाब आएंंगी बलरीत 

यूएस आर्मी में सार्जेंट बलरीत खैरा कहती हैं, 14वा संयुक्त सैन्य अभ्यास अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास है। इसमें दोनों देशों की सेना हाईटेक आतंकवाद के खात्मे व सामरिक मामलों में बहुत कुछ नया सीखेंगे। बलरीत ने कहा, अब वह नवंबर में दीपावली पर अपने घर आएगी। 

होशियारपुर का बेटा भी सार्जेंट 

'पंजाबियां दी शान वखरी...', बलरीत खैरा व जसमीत खैरा ही नहीं अमेरिकी फौज में पंजाबी गबरुओं का भी खूब जलवा है। होशियारपुर टांडा पंजाब के गुरप्रीत सिंह गिल उन्हीं में से एक हैं। इस गबरू को कारगिल युद्ध ने सेना में जाने की ललक दी। मगर वह भर्ती हो गया अमेरिकी फौज में। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया से सेवानिवृत्त बलवीर सिंह गिल व केंद्रीय विद्यालय जयपुर में शिक्षिका माता गुरमेल सिंह के पुत्र गुरप्रीत (जन्म 26 नवंबर 1986) ने 12वीं जयपुर से किया। वर्ष 2008 में कोटा से बीटेक किया। एक कंपनी ने टूर पर गुरप्रीत को शिकागो भेजा। ऑनलाइन सर्च करने पर अमेरिकी फौज में भर्ती का पता लगा तो जॉर्जिया जा पहुंचे। 2014 में यूएस आर्मी का कमांडो बने। अब पदोन्नत होकर सार्जेंट पद पर हैं। 

यह भी पढ़ें: आतंकवाद से मिलकर निपटेंगे दुनिया के ये दो ताकतवर देश 

यह भी पढ़ें: उत्‍तराखंड के इस जिले में पहुंची अमेरिकी सैन्य टुकड़ी, शुरू होगा युद्ध अभ्यास

यह भी पढ़ें: वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ फिर साथ आएंगी इंडो अमेरिकन फौज, यहां होगा युद्ध अभ्यास 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.