इलेक्ट्रोड बदल बैट्री बनेगी नई
उत्तराखंड आवासीय विश्वविद्यालय के एक शोध के तहत अब खराब बैटरी और चार्जर का भी उपयोग हो सकेगा।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : खराब बैट्री और चार्जर का इलेक्ट्रोड बदलकर फिर से उपयोग में लाया जा सकेगा। यह संभव हुआ है उत्तराखंड आवासीय विश्वविद्यालय के शोध से। बेंगलुरु के सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिग एवं टेक्नोलॉजी संस्थान में इस शोध का प्रदर्शन किया गया। केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय ने शोध कार्य को नाइंथ नेशनल अवार्ड फॉर टेक्नोलॉजी इनोवेशन से सम्मानित भी किया।
बेंगलुरु में आयोजित कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की ओर से कुलसचिव डॉ. विपिन चंद्र जोशी ने शिरकत की। उन्होंने बताया कि आवासीय विश्वविद्यालय में शोध कार्य और नवाचार कार्यक्रम को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। हमारी कोशिश युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार उपलब्ध कराना है।
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सिर्फ इलेक्ट्रोड बदलने से सही हो जाएगी बैट्री
लीथियम ऑयन या लीथियम पॉली बैट्री का प्रयोग किया जाता है। एक समय के बाद यह बैट्री खराब हो जाती है। नए शोध के तहत अब बैट्री ग्राफीन ऑक्साइड आधारित होगी, जिसमें सल्फर ऑयन का प्रयोग होगा। इसके खराब होने पर इलेक्ट्रोड बदलकर उसे उपयोग में लाया जा सकता है।
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शोध पर मिला सम्मान
शोध कार्य के लिए बेंगलुरु में कुलसचिव जोशी समेत पूर्व कुलपति प्रो. एचएस धामी, रिसर्च पार्टनर डॉ. आरपी जोशी को संयुक्त रूप से सम्मानित किया गया। इस उपलब्धि पर जीबी पंत विवि के कुलपति डॉ. तेज प्रताप ने कहा कि यह हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है।