जागरूकता ही एड्स रोग से बचाव का कारगर उपाय
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत लोगों को एड्स बीमारी के प्रति जागरूक किया जाता है। इसके लिए वर्ष भर जन-जागरूकता के अनेक कार्यक्रम कर लोगों को जागरूक किया जाता है।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत लोगों को एड्स बीमारी के प्रति जागरूक किया जाता है। इसके लिए वर्ष भर जन-जागरूकता के अनेक कार्यक्रम कर लोगों को जागरूक किया जाता है। इस वर्ष अब तक जिले में 4913 संदिग्ध रोगियों का परीक्षण किया गया। इनमें से आठ एचआइवी पाजिटिव पाए गए। एड्स बीमारी की एंटी वायरल थेरेपी सुविधा कुमाऊं मंडल में मात्र सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी में ही उपलब्ध है। जिले में अल्मोड़ा स्थित जिला, बेस अस्पताल के अलावा नागरिक अस्पताल रानीखेत में एड्स बीमारी के परीक्षण की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा नि:शुल्क एड्स काउंसिलिग सेंटर स्थापित हैं। काउंसलर के माध्यम से एड्स के मरीजों को काउंसलिग की सुविधा दी जाती है। एड्स रोग के लक्षण
- शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होना।
- बार-बार वायरल फीवर तथा निमोनिया होना।
- एड्स मरीज को जल्द होता है टीबी रोग का संक्रमण। रोग के कारण
- असुरक्षित यौन संबंध
- बिना परीक्षण के रक्त चढ़ाना
- एक सिरंजी का दूसरे पर प्रयोग
- बिना परीक्षण के रक्त चढ़ाना
- एड्स प्रभावित गर्भवती मां से बच्चे पर बरती जाने वाली सावधानियां
- परीक्षण के बाद ही रोगी को रक्त चढ़ाएं
- सिरंजी का एक ही बार करें इस्तेमाल
एड्स दिवस पर आज निकलेगी रैली
विश्व एड्स दिवस पर बुधवार को जिला मुख्यालय पर जनजागरूकता रैली निकाली जाएगी। रैली सुबह 9.30 बजे गांधी पार्क चौघानपाटा से शुरू होगी। इसके बाद नर्सिंग कालेज में पोस्टर व भाषण प्रतियोगिता होगी। विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा। जन जागरूकता ही एड्स रोग से बचाव का उपाय है। एड्स रोग से बचाव के लिए समय-समय पर विभिन्न जनजागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाता है। वहीं स्कूलों में भी निबंध, पोस्टर व भाषण प्रतियोगिताएं कराई जाती हैं।
- डा. आरसी पंत, मुख्य चिकित्सा अधिकारी