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अल्मोड़ा के दन्यां में सड़क दुरुस्त करने का आश्वासन निकला झूठा

दन्यां में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित मोटर मार्ग पर वाहन चलाना खतरनाक बना है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Feb 2021 10:32 PM (IST)Updated: Wed, 17 Feb 2021 10:32 PM (IST)
अल्मोड़ा के दन्यां में सड़क दुरुस्त करने का आश्वासन निकला झूठा
अल्मोड़ा के दन्यां में सड़क दुरुस्त करने का आश्वासन निकला झूठा

जागरण संवाद सहयोगी, दन्यां : प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित मोटर मार्ग पर वाहनों का संचालन जानलेवा बन गया है। सड़क की मरम्मत के लिए गठित सरयू घाटी जन संघर्ष समिति को विभाग द्वारा 25 जनवरी से मरम्मत शुरू करने का आश्वासन भी झूठा निकल गया। संघर्ष समिति ने कार्यदायी संस्था के खिलाफ उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

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प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत दस वर्ष पूर्व निर्मित दन्यां-आरासलपड़ मोटर मार्ग पर डामर पूरी तरह उखड़ जाने और अनेक स्थानों पर दीवारें टूट जाने से यह आवागमन के लिहाज से जानलेवा बन गया है। 12 जनवरी को सरयू घाटी जन संघर्ष समिति द्वारा तहसील मुख्यालय में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया था। एसडीएम मोनिका के निर्देश पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिकारी मौके पर आए। अधिशासी अभियंता पीएमजीएसवाइ द्वारा 25 जनवरी से सुधारीकरण का कार्य आरंभ किए जाने का आश्वासन दिए जाने के बावजूद अभी तक कार्य शुरू नहीं हो सका है। सरयू घाटी जन संघर्ष समिति ने रोष जताते हुए पीएमजीएसवाई के खिलाफ उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है। वर्जन

25 जनवरी से सड़क सुधारीकरण का कार्य आरम्भ किये जाने का आश्वासन दिये जाने के बावजूद अभी तक कार्य शुरू नहीं हो पाया है। यातायात के लिए जानलेवा बन चुके इस मार्ग की मरम्मत के लिए पीएमजीएसवाइ के अधिकारियों का घेराव किया जाएगा।

-हरीश जोशी, अध्यक्ष सरयू घाटी जन संघर्ष समिति मेलगांव लंबित समस्याओं का जल्द हो निराकरण

संस, अल्मोड़ा : राज्य चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी महासंघ ने कर्मचारियों की लंबित समस्याओं का निराकरण जल्द किए जाने की मांग उठाई है। कहा है कि यदि जल्द समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया तो महासंघ आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने को बाध्य होगा। महासंघ के जिलाध्यक्ष ललित तिवारी ने कहा है कि जिले में के विभिन्न विभागों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के दर्जनों पद खाली हैं। इन पदों पर नियुक्तियां नहीं होने से कर्मचारियों पर कार्य का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। वहीं कर्मचारियों के ग्रेड में बढ़ोतरी का मामला भी ठंडे बस्ते में है। उन्होंने एक अक्टूबर, 2005 के बाद नियुक्त कार्मिकों को भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिए जाने की मांग उठाई है। कहा है महासंघ की बैठक जल्द आहूत कर आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी।


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