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कुजगढ़ पुल की धीमी प्रगति पर फूटा गुस्सा

संवाद सहयोगी, रानीखेत : अल्मोड़ा व नैनीताल जनपद के सुदूर गावों को जोड़ने के लिए कुजगढ़ नदी पर

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 10:50 PM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 10:50 PM (IST)
कुजगढ़ पुल की धीमी प्रगति पर फूटा गुस्सा
कुजगढ़ पुल की धीमी प्रगति पर फूटा गुस्सा

संवाद सहयोगी, रानीखेत : अल्मोड़ा व नैनीताल जनपद के सुदूर गावों को जोड़ने के लिए कुजगढ़ नदी पर निर्माणाधीन पुल की धीमी प्रगति पर युकां कार्यकर्ता भड़क उठे हैं। उन्होंने बहुप्रतीक्षित सेतु के निर्माण में हीलाहवाली का आरोप लगा संबंधित विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। आरोप लगाया कि पूर्व सीएम हरीश रावत के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को जानबूझ कर लटकाया जा रहा।

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वर्ष 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कोसी से लगी कुजगढ़ घाटी में 90 मीटर स्पान के मोटर पुल के लिए भारीभरकम बजट स्वीकृत किया था। इसे हाइटेक तकनीक से तैयार किए जाने के लिए बाकायदा करीब 14 करोड़ रुपये का बजट भी मंजूर किया गया। बीते दो वषरें से निर्माणाधीन पुल को जल्द मूर्तरूप देने के बजाय पिछले तीन माह से काम भी ठप पड़ा है। इधर बुधवार को युवक काग्रेस कार्यकर्ताओं ने सेतु निर्माण की सुस्त चाल पर मोर्चा खोल दिया।

रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे स्थित भुजान में कार्यकर्ताओं ने संबंधित विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। चेतावनी दी कि यदि निर्माण जल्द पूरा न किया गया तो अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर धरना शुरू कर आवाजाही ठप कर दी जाएगी। प्रदर्शन करने वालों में युका नेता अभिषेक बिष्ट, हितेश सिंह, सुंदर आर्या, बचे सिंह,आनद सिंह, अनुराग बिष्ट, लक्ष्मण सिंह खनायत, रिंकू सिंह, जीवन सिंह, दीपक खनायत, कुंदन सिंह बिष्ट आदि शामिल रहे।

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मुआवजे की भी उठी मांग

युकां कार्यकर्ताओं ने कहा कि पुल निर्माण के लिए ताड़ीखेत ब्लॉक के चापड़ व बोहरागाव के कई किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई थी। आरोप लगाया कि अभी तक भूमि का मुआवजा तक नहीं दिया गया है। पुल निर्माण से दोनों जिलों के ग्रामीणों को लाभ तो होगा लेकिन अन्य काश्तकारों की कृषि भूमि खतरे की जद में है। उन्होंने खेतों के आसपास सुरक्षात्मक कार्य कराए जाने की भी माग उठाई।


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