अल्मोड़ा में बारिश में सूखे 'हलक', भूस्खलन से दो सड़कें बंद
अल्मोड़ा में मूसलधार बारिश से पेयजल लाइन टूटीं। भूस्खलन से दो सड़कें आवागमन के लिए बंद।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : उच्च पर्वतीय इलाकों में बुधवार मध्यरात्रि बाद मूसलधार बारिश के बाद जिले में कई जगह भूस्खलन हुआ। कोसी नदी में सिल्ट आने से पंप हाउस ने काम करना बंद कर दिया। ऐसे में नौ घंटे तक पंप नहीं चलने से नगर व आसपास के करीब 300 गांवों की जलापूर्ति बाधित हो गई।
कोसी नदी के समीपवर्ती क्षेत्र दौलाघट में गुरुवार सुबह तक तेज बारिश से पेयजल व्यवस्था लड़खड़ा गई। कई टन गाद नदी में पहुंचने से कोसी पंपिंग योजना के तीनों पंप ठप हो गए। नौ घंटे 15 मिनट तक सभी 10 जलाशयों तक पानी नहीं पहुंचाया जा सका। नतीजतन, त्रिपुरासुंदरी वार्ड, माल रोड, थपलिया, तिलकपुर में लोग पानी के लिए परेशान रहे। लोगों ने प्राकृतिक जल स्रोतों से पानी भरकर काम चलाया। जल संस्थान के अधिकारियों ने मुआयना किया। बैराज के गेट खोल सिल्ट बहाने के प्रयास तेज किए गए। अपराह्न तीन बजे कुछ हद तक गाद हटाई जा सकी। ईई केएस खाती ने बताया कि शुक्रवार को सभी क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुचारु होने की उम्मीद है।
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नौकचिया रनथमल व दशौला रोड मलबे से पटी
मानिला (अल्मोड़ा) : भारी बारिश से सल्ट ब्लॉक क्षेत्र में भूस्खलन से ग्रामीण इलाकों की दो सड़कें बंद हो गई। रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण मलबा हटाने का काम प्रभावित रहा। नौकचिया-रनथमल तथा दशौला-मेलटा आंतरिक मार्ग पर कई जगह मलबा आने से आवागमन ठप हैं। पीएमजीएसवाइ के अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार रात बारिश थमी तो दोनों आंतरिक सड़कें शुक्रवार तक खुल जाने की उम्मीद है। इन मार्गो पर जेसीबी लगाई गई है।
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बारिश खरीफ की फसल के लिए लाभकारी
विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. बीएम पांडे ने बारिश को खरीफ की फसल के साथ ही शाक-भाजी उत्पादन के लिए बेहतर बताया है। बताया कि करीब एक पखवाड़े के बाद फसलों के लिए ठीक-ठाक बारिश हुई है।
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