सहायक कृषि अधिकारियों की कमी से जूझ रहा कृषि विभाग
अल्मोड़ा जिले का कृषि विभाग सहायक कृषि अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है। इससे एक-एक अधिकारी के पास दो से तीन न्याय पंचायत क्षेत्रों का जिम्मा है। पहाड़ की दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण उन्हें एक न्याय पंचायत से दूसरे न्याय पंचायत तक पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : जिले का कृषि विभाग सहायक कृषि अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है। इससे एक-एक अधिकारी के पास दो से तीन न्याय पंचायत क्षेत्रों का जिम्मा है। पहाड़ की दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण उन्हें एक न्याय पंचायत से दूसरे न्याय पंचायत तक पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
एक ओर सरकार कृषि को बढ़ावा देने की बात अपनी प्राथमिकताओं में गिनाती है, वहीं विभिन्न विकास खंडों में 40 सहायक कृषि अधिकारियों की कमी बनी हुई है। इससे जहां एक ओर जहां विभागीय कार्याें पर असर पड़ रहा है, वहीं काश्तकारों को भी राज्य व केंद्र सरकार की ओर से उनके हित में संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी समय पर नहीं मिल पा रही है।
जिले के 11 विकास खंडों के 95 न्याय पंचायत क्षेत्रों के लिए सहायक कृषि अधिकारी के कुल 110 पद स्वीकृत हैं। इसमें से 40 पद लंबे अरसे से खाली चल रहे हैं। ऐसे में काश्तकारों को बीज, कृषि यंत्र, कीटनाशक व उर्वरक प्राप्त करने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। इधर उत्तराखंड संसाधन पंचायत के संयोजक ईश्वरी दत्त जोशी ने न्याय पंचायत क्षेत्रों में रिक्त पड़े सहायक कृषि अधिकारियों के रिक्त पदों पर जल्द से जल्द नियुक्तियां किए जाने पर जोर दिया है। ताकि काश्तकारों सभी सुविधाएं उनके समीपवर्ती न्याय पंचायत क्षेत्रों में ही मिल सकें। शासन व विभाग काश्तकारों की बेहतरी के लिए लगातार प्रयासरत है। उनके हित में केंद्र व राज्य सरकार की ओर से विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है। वर्तमान में उपलब्ध संसाधनों से ही काश्तकारों को सुविधाएं देने का प्रयास किया जा रहा है। विभाग में रिक्त पड़े सहायक कृषि अधिकारियों की रिक्तियों का विवरण शासन को भेजा गया है।
- डी कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी, अल्मोड़ा