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केंद्र के बाद राज्य सरकार ने भी दी सेतू के बजट को हरी झडी

एतिहासिक रानीखेत पुल के नए विकल्प के तौर पर अल्मोड़ा व नैनीताल जनपद की सीमा पर नए सेतु को मिली झंडी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 11:04 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 11:04 PM (IST)
केंद्र के बाद राज्य सरकार ने भी दी सेतू के बजट को हरी झडी
केंद्र के बाद राज्य सरकार ने भी दी सेतू के बजट को हरी झडी

रानीखेत, जेएनएन: एतिहासिक रानीखेत पुल के नए विकल्प के तौर पर अल्मोड़ा व नैनीताल जनपद की सीमा पर खैरना के समीप कोसी नदी पर बनने वाले सेतु को केंद्रीय सड़क निधि व राज्य सरकार से भी वित्तीय स्वीकृति मिल गई है। नए पुल निर्माण के लिए एनएच को करीब 10.03 करोड़ रुपये की धनराशि मिली है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार बजट मिलने से अब जल्द टेंडर प्रक्रिया शुरू कर निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।

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गुलामी का दौर देख चुके एतिहासिक रानीखेत पुल का बोझ कम करने के लिए एनएच प्रशासन ने केंद्रीय सड़क एवं भूतल मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था। सैद्धांतिक स्वीकृति के बाद हार्ड रॉक व मिट्टी टेस्ट का मार्स जियो टैक सोनीपत (हरियाणा) की कंपनी को ठेका दिया गया। करीब बीस दिन तक हार्ड रॉक व मिट्टी की जाच को ड्रिलिंग मशीन के साथ चार विशेषज्ञ ने सेंपल भी लिए। नए पुल ने अब अंतिम बाधा भी पार कर ली है। पुल निर्माण के लिए केंद्र से 90 फीसद तथा राज्य सरकार से 10 फीसद बजट की हामी मिलने के बाद विभागीय अधिकारी अब टेंडर प्रक्रिया की कवायद में जुट गए हैं।

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सटीक इंजीनियरिंग का नमूना है पुराना सेतु

करीब 131 वर्ष पुराने रानीखेत पुल का सही रखरखाव न किए जाने से इसकी बुनियाद बाढ़ के थपेड़ों के चलते कमजोर पड़ने लगी। एनएच के अधिकारियों ने भविष्य के खतरे को भांपते हुए एतिहासिक पुल के विकल्प के तौर पर रानीखेत पुल के बराबर में ही नया सेतु निर्माण का खाका तैयार किया। सन् 1887 में ब्रितानी दौर की सटीक इंजीनियरिंग से तैयार एतिहासिक रानीखेत पुल में उड़द की दाल व चूने के मिश्रित गारे से लिपाई की गई है।

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सामरिक दृष्टि से भी है महत्वपूर्ण

करीब 64.92 मी. स्पान लंबे व 4.25 मी. चौड़ा पुराना रानीखेत पुल सामरिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। केआरसी का मुख्यालय होने की वजह से सेना के वाहन भी इसी पुल से आवाजाही करते हैं। वही कुमाऊं के पर्वतीय जिलों अल्मोड़ा, बागेश्वर, चम्पावत, पिथौरागढ़ को रसद तथा अन्य सामग्री भी इसी पुल से भेजी जाती है।

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70 मीटर स्पान लंबाई का बनेगा नया पुल

रानीखेत पुल के विकल्प के तौर पर बनने वाला नया पुल 70 मीटर स्पान की लंबाई का होगा। यह पुल टू लेन बनाया जाएगा। नए सेतु का निर्माण होने के बाद भारी वाहन नए सेतू से ही आवाजाही करेंगे। पुराने सेतू की स्थिति जानने को भी संबंधित विभाग सर्वे कराएगा।

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करीब 10.03 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति मिली है। मजबूत चट्टानों मिट्टी की जाच करा ली गई है। जल्द टेंडर प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी।

- एलएम तिवारी, सहायक अभियंता एनएच


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