मानदेय को लेकर भड़की आशाएं
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर बुधवार को आशा, भोजनमाता व आंगनबाड़ी कार्
संवाद सहयोगी, अल्मोड़ा : केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर बुधवार को आशा, भोजनमाता व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने धरना दिया। सालों से लंबित समस्याओं का जल्द निराकरण किए जाने की मांग उठाई गई। कहा गया कि हितों की अनदेखी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। धरने के बाद जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया।
नगर के चौघानपाटा स्थित गांधी पार्क में धरने के दौरान आयोजित सभा में वक्ताओं ने राज्य और केंद्र सरकार पर आशा, भोजनमाता तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की मांगों के प्रति उदासीन बनी है। वक्ताओं का कहना था कि केंद्र सरकार बाल विकास विभाग, एनएचएम तथा एमडीएम योजनाओं के बजट में भारी कटौती कर रही है। वहीं इन योजनाओं पर निजीकरण की कोशिश कर योजनाओं पर प्रश्न चिह्न लगा रही हैं। कहा गया कि आशाओं के लंबे संघर्ष के बाद भी राज्य सरकार उनके लिए मानदेय तक घोषित नहीं कर पाई है। वहीं 10से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को बंद कर 3500 भोजनामाताओं को हटाने का कार्य कर रही है। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को काफी लिंब से मानदेय भुगतान होने से उनके समक्ष रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो रहा है। वक्ताओं ने कहा कि 45 वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के अनुरूप आशा, भोजनमाता तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। योजनाओं के निजीकरण की प्रक्रिया में भी रोक लगाई जाए। वक्ताओं ने आशाओं के लिए जल्द ही मानदेय की घोषणा करने की भी मांग उठाई। आशाओं को तेलंगाना व केरल की भांति मानदेय दिया जाए। साथ ही योजना कर्मियों के लिए सामाजिक सुरक्षा की भी व्यवस्था की जाए। धरने व सभा में ममता भट्ट, विजय लक्ष्मी, आनंदी महरा, दया आर्या, कमला बिष्ट, उमा आगरी, दीपा बिष्ट, मुमताज जहां, ममता वर्मा, रेखा आर्या, रूपा देवी, हेमा गुरूरानी, हेमा सांगा, कमला देवी व देवकी देवी समेत विभिन्न विकास खंडों से योजना कर्मियों ने भाग लिया।