बिन प्रधानाचार्य जिले के 78 राजकीय इंटर कॉलेज
डीके जोशी, अल्मोड़ा शासन व विभागीय नीति नियंताओं की अनदेखी के चलते कुमाऊं के प्राचीन जि
डीके जोशी, अल्मोड़ा
शासन व विभागीय नीति नियंताओं की अनदेखी के चलते कुमाऊं के प्राचीन जिले के 166 राजकीय इंटर कॉलेजों में से 78 इंटर कॉलेज मुखियाविहीन चल रहे हैं। प्रधानाचार्य नहीं होने से जहां राजकीय विद्यालयों में शिक्षण कार्य की प्रॉपर मॉनीट¨रग प्रभावित हो रही है, वहीं अन्य विभागीय कार्यो पर भी असर पड़ रहा है।
एक ओर राज्य सरकार के मंत्रीगण तथा विभागीय उच्चाधिकारी शिक्षा से संबंधित हर गोष्ठियों, सेमिनारों तथा संगोष्ठियों में विद्यालयों में शैक्षिक उन्नयन की बात तो खूब करते हैं, वहीं शिक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताओंमें गिनाते हैं, वहीं नए शिक्षा सत्र को शुरू होने के तीन माह बाद भी इस ओर अब तक ध्यान नहीं दिया गया है। जब विद्यालयों में मुखिया ही नहीं होगा तो विद्यालय में शिक्षण कार्य समेत अन्य कार्यो की मॉनीट¨रग कौन करेगा? ऐसे में प्रधानाचार्य विहीन विद्यालयों में शैक्षिक उन्नयन कैसे हो पाएगा, यह बड़ा सवाल है। अकेले कुमाऊं के प्राचीन जिले की ही बात करें तो यहां कुल 166 इंटर कॉलेज संचालित हैं, जिसमें से 78 शिक्षा के मंदिर ऐसे हैं जिन्हें बिन प्रधानाचार्य छोड़ दिया गया है। ऐसे में इन विद्यालयों में जहां शिक्षण समेत अन्य संचालित गतिविधियों की प्रॉपर मॉनीट¨रग नहीं हो पा रही है, वहीं अन्य विभागीय कार्यो के निष्पादन में भी दिक्कतें आ रही हैं। विद्यालयों में शैक्षिक उन्नयन के साथ ही अनुशासन पर भी असर पड़ रहा है। एक ओर विद्यालयों में प्रधानाचार्यो का पहले से ही टोटा हुआ है, अब शासन की ओर से उन्हें मिशन कोशिश योजना के तहत अन्य विद्यालयों के अनुश्रवण कार्य का भी जिम्मा दे दिए जाने से समस्या और बढ़ गयी है। इन विद्यालयों के शिक्षक-अभिभावक संघ, विद्यालय प्रबंधन समिति तथा विद्यालय विकास प्रबंधन समिति लंबे अर्से से इन विद्यालयों में नियमित प्रधानाचार्य की नियुक्ति की मांग उठा रहे हैं। लेकिन विभागीय उच्च नीति नियंताओं की ओर से कोई सुध ही नहीं ली जा रही है।
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यह है अनदेखी का हाल
पद स्वीकृत रिक्त
प्रधानाचार्य 145 70
प्रधानाचार्या 21 08
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शिक्षा के उन्नयन के लिए विभाग व शासन लगातार प्रयासरत है। विद्यार्थियों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित की गई हैं। जिन विद्यालयों में प्रधानाचार्य के पद खाली हैं, वहां वरिष्ठ शिक्षक को प्रधानाचार्य का प्रभार सौंपा गया है। जिले के बालक व बालिका विद्यालयों में प्रधानाचार्यो के रिक्त पड़े पदों की सूचना शिक्षा निदेशालय को भेजी गई है। शासन स्तर से नियुक्ति अथवा पदोन्नति प्रक्रिया शुरू होने के बाद इस समस्या का समाधान होने की उम्मीद है।
- हर्ष बहादुर चंद, जिला शिक्षा अधिकारी