द्वाराहाट व भिकियासैंण के 40 गांवों में भीषण जल संकट
संवाद सहयोगी द्वाराहाट नैथना फेज तीन पंपिंग पेयजल योजना का ट्रासफार्मर फुंकने के कारण द्व
संवाद सहयोगी, द्वाराहाट : नैथना फेज तीन पंपिंग पेयजल योजना का ट्रासफार्मर फुंकने के कारण द्वाराहाट व भिकियासैंण तहसीलों के तीन दर्जन से अधिक गावों में पानी के लिए सप्ताहभर से त्राहि-त्राहि मची है। प्राकृतिक स्त्रोत भी अत्यधिक दूर होने के चलते लोग पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं। विषम भौगोलिक परिस्थिति के चलते योजना को सुचारू करने में विभाग अभी तीन-चार दिन और लगने की बात कर रहा है। जिससे ग्रामीणों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
मासी (चौखुटिया तहसील) में रामगंगा नदी से नैथनादेवी फेज तीन योजना बनी है। जो द्वाराहाट व भिकियासैंण तहसीलों के तीन दर्जन से अधिक गावों की प्यास बुझाती है। मगर एक सप्ताह से योजना बंद पड़ी होने से नलों में पानी की बूंद नहीं टपक रही। जिस कारण क्षेत्र की करीब 20 हजार की आबादी के सम्मुख गंभीर समस्या उठ खड़ी हुई है। दिन तो दूर ग्रामीण रातभर पानी के जुगाड़ में जंगलों में भटकने को मजबूर हैं। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता पंकज कुमार ने बताया कि पुराने व सूख चुके नौलों को फिर से ढूंढ कर साफ किया जा रहा इनमें अधिकांश नौले सूख चुके हैं। इससे ग्रामीणों की समस्या और बढ़ गई है। स्त्रोत कम और आबादी अधिक होने के कारण कई बार स्थिति तनावपूर्ण हो जा रही है। विभाग भी इस गंभीर समस्या से अनजान नहीं है। प्रभावित क्षेत्रों के लिए लगाए गए टैंकर भी नाकाफी साबित हो रहे हैं। सड़क से दूर बसे गावों के लोगों के लिए परेशानिया और अधिक हैं। पानी की किल्लत के चलते क्षेत्र के विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बनना मुश्किल हो गया है। लोगों ने योजना को तत्काल दुरुस्त करने की माग की है।
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ये गाव हुए प्रभावित
सुरईखेत, गनोली, भंटी, दौला, पाली, नौबड़ा, बाजन, भासी, नागार्जुन, कफलानी, पटास, डंगरखोला, फलद्वाड़ी, रूपानौली, तकुल्टी, जनरखाड़ी, सिलंग, धमेड़ा, चौड़ा, घुघुतिया, मटेला, खुरड़ीतसखेत, मासौं, खरक, मुनियाचौरा, रेखाड़ी, सुरे, सुंदरखाल, बैंगड़, चनोली, बाबन आदि।
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'नैथनादेवी फेज तीन का टासफार्मर फुंकने के कारण योजना बंद पड़ी है। 400 केवी का नया ट्रांसफार्मर क्षेत्र में पहुंच तो गया है, लेकिन पैदल रास्ता होने तथा मैकेनिक के आने में दो दिन का समय और लगेगा। दिन रात लगे हैं। तीन चार दिन में योजना बहाल कर दी जाएगी। फिलहाल टैंकरों से पानी वितरित किया जा रहा है।
-बालम सिंह बिष्ट, जेई जल संस्थान'