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सात साल में 24 लोगों को बनाया शिकार

बृजेश तिवारी, अल्मोड़ा : मानवीय चूक का परिणाम है कि टूट रहे जैव चक्र के चलते गुलदार की

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 04:38 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 04:38 PM (IST)
सात साल में 24 लोगों को बनाया शिकार
सात साल में 24 लोगों को बनाया शिकार

बृजेश तिवारी, अल्मोड़ा : मानवीय चूक का परिणाम है कि टूट रहे जैव चक्र के चलते गुलदार की आमद लगातार पर्वतीय क्षेत्रों के आबादी वाले इलाकों में बढ़ रही है। पिछले सात सालों की बात करें तो गुलदार अब तक जिले में 24 लोगों को अपना शिकार बना चुका है, जबकि डेढ़ सौ से अधिक लोग मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाओं में गंभीर रूप से घायल भी हो चुके हैं।

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पर्वतीय क्षेत्रों में गुलदार का आतंक लगातार बढ़ रहा है। मवेशी तो दूर गुलदार इंसानों पर हमला करने में भी कोई गुरेज नहीं कर रहा है। लेकिन इसके बाद भी वन विभाग लाचार है। आए दिन मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाएं भी तेजी से सामने आ रही हैं। विशेषज्ञों की मानें तो अपने स्वार्थो के लिए जंगलों का तेजी से किया जा रहा विदोहन इसका मुख्य कारण है। जंगलों में अवैध शिकार, वनाग्नि और अन्य अनेक कारणों के चलते छोटे जंगली जानवरों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। जिस कारण जंगलों का जीवन चक्र लगातार टूटता जा रहा है। इसीका परिणाम है कि गुलदार के अस्तित्व पर लगातार संकट पैदा हो रहा है। जिस कारण अस्तित्व से जूझ रहे गुलदार ने अब आबादी वाले इलाकों का रूख करना शुरू कर दिया है। पिछले कुछ सालों में गुलदार के हमले में मृत व घायलों की संख्या

वर्ष मारे गए लोग घायल 2010-11 04 08

2011-12 - 00 - 07

2012-13 - 01 - 18

2013-14 - 03 - 18

2014-15 - 02 - 25

2015-16 - 09 - 31

2016-17 - 02 - 20

2017-18 (अब तक) - 03 - 21

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कब कहां कितने आदमखोर ढेर

वर्ष चंपावत बागेश्वर अल्मोड़ा पिथौरागढ़

2005 - 00 - 01 - 02 - 00

2006 - 02 - 03 - 05 - 04

2007 - 00 - 00 - 01 - 04

2008 - 00 - 02 - 05 - 07

2009 - 01 - 07 - 11 - 04

2010 - 02 - 02 - 11 - 05

2011 - 02 - 04 - 17 - 06

2012 - 00 - 02 - 09 - 04

2013 - 03 - 03 - 22 - 13

2014-15 - 00 - 02 - 12 - 09

2016 - 00 - 00 - 01 - 00

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मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। इन घटनाओं से बचा जा सके इसके लिए लोगों को जागरूक करने के प्रयास किए जा रहे हैं। लोगों को अपने घरों के आसपास झाड़ियों को पैदा न होने देने, अंधेरे वाले स्थानों पर सोलर लाइट लगवाने और रात्रि में घरों से निकलने वक्त सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।

पंकज कुमार, डीएफओ, अल्मोड़ा


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