188 युवा बने भारतीय सेना के अभिन्न अंग
संवाद सहयोगी रानीखेत भारतीय सेना के कुमाऊं रेजिमेंट के गौरवशाली इतिहास में एक अध्याय आ
संवाद सहयोगी, रानीखेत : भारतीय सेना के कुमाऊं रेजिमेंट के गौरवशाली इतिहास में एक अध्याय और जुड़ गया। सोमवार को मातृभूमि की आन, बान व शान की रक्षा के लिए भारतीय सेना को 188 जांबाज मिल गए। सेना के ऐतिहासिक सोमनाथ ग्राउंड के बहादुरगढ़ से देशभक्ति से ओतप्रोत बैंडधुन पर कदमताल करते इन सैनिकों ने अंतिम पग भरे। कमांडेंट केआरसी ब्रिगेडियर जीएस राठौड़ ने रेजिमेंट की गौरवशाली परंपरा को बुलंदियों तक पहुंचाने का संदेश दिया। साथ ही युवाओं के सेना में भर्ती होकर देश सेवा के जज्बे की तारीफ भी की।
केआरसी मुख्यालय के लिए सोमवार का दिन बेहद खास रहा। सेना के ऐतिहासिक सोमनाथ मैदान में रेजिमेंट की बैंडधुन के बीच आन बान शान की कसम लेकर 188 जवान भारतीय सेना के अभिन्न अंग बने। धर्म गुरु पंडित सूबेदार दिनेश चंद्र जोशी ने राष्ट्रीय ध्वज व गीता को साक्षी मानकर जांबाजों को देश के लिए मर मिटने की शपथ दिलाई। इससे पूर्व कमांडेंट बिग्रेडियर जीएस राठौर ने परेड का निरीक्षण कर सलामी ली। उन्होंने कहा कि जवानों ने सेना में शामिल होकर अपने जीवन का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। देश की रक्षा के लिए जरुरत पड़ने पर प्राण भी न्यौछावर करने से पीछे नहीं हटने का संदेश देते हुए रेजिमेंट के गौरव को बरकरार रखने का आह्वान किया है। उन्होंने ट्रेनिंग के दौरान श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले पांच जवानों को सम्मानित भी किया। इस दौरान ट्रेनिंग बटालियन कमांडर कर्नल केके मिश्रा, डिप्टी कमांडेंट कर्नल निखिल श्रीवास्तव, मेजर कार्तिक थापा, कैप्टन सुमेकेस एमएस, सेंटर एसएम राजेंद्र सिंह जलाल, सूबेदार पुष्कर सिंह, नायब सूबेदार लक्ष्मण सिंह समेत कई अधिकारी, जवान व सेना का हिस्सा बने जांबाजों के परिजन मौजूद रहे।
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